महेश प्रसाद अग्रवाल से भड़ास4मीडिया की बातचीत पढ़ कर ऐसा लगा मानो खिसियानी बिल्ली खंभा नोच रही है. समझ में आया कि हताशा किस तरह निराशा को जन्म देती है. यह सर्वविदित है की आज पत्रकारिता के जिस मुकाम पर दैनिक भास्कर है, उसका श्रेय रमेश चंद्र अग्रवाल एवं उनके पुत्रों की लीडरशिप को जाता है. इनकी अगुवाई में सभी प्रबंधकों तथा कर्मचारियों ने मेहनत कर एक जनप्रिय अख़बार बनाया.
मैं खुद दैनिक भास्कर से पूर्व में करीब दो वर्षों तक जुड़ा रहा हूं. जब यह अखबार हरियाणा में लांच हो रहा था तब कैसे एडिटोरियल तथा मार्केटिंग के नये मापदंड अपनाकर दैनिक भास्कर ने बरसों से जमे पंजाब केसरी एवं ट्रिब्यून को साइडलाइन कर दिया था. यह परिवारिक विवाद महज लालच है. पत्रकारिता जगत को रमेश चंद्रा अग्रवाल का सहयोग करना चाहिए. जिस तरह की बातें महेश अग्रवाल ने कीं वो चुभने वाली हैं. महेश अग्रवाल से हमारी तरफ से पूछिए कि झांसी में उन्होंने ऐसा क्या काम कर लिया अखबार में जो उन्हें लीडर माना जाए?
-शरद त्रिपाठी
मेरठ
09368299517
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