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भास्कर का आईपीओ : दे दनादन से घबराए दूसरे मीडिया हाउस

भास्कर समूहभास्कर वाले मीडिया इंडस्ट्री में दे देनादन की तैयारी में हैं। नए प्रदेशों में ताबड़तोड़ संस्करण लांच करने का इरादा है। आईपीओ (इनीशियल पब्लिक आफर) इसी महीने के मध्य में लाए जाने की घोषणा आज भास्कर समूह की तरफ से कर दी गई। तकरीबन साढ़े चार सौ करोड़ रुपए भारतीय पूंजी बाजार से उगाहने की योजना है। इस रुपये के बारे में भास्कर ग्रुप ने बताया है कि इन पैसों से वह अगले दो सालों में विस्तार कार्यक्रमों को अंजाम देगा। जाहिर है, भास्कर  बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश जैसे प्रमुख हिंदी इलाकों में घुसने का मंसूबा बना चुका है। इन तीन प्रदेशों में भास्कर समूह दैनिक जागरण, हिंदुस्तान और प्रभात खबर, अमर उजाला से दो-दो हाथ करने की तैयारी में है।

भास्कर समूह

भास्कर समूहभास्कर वाले मीडिया इंडस्ट्री में दे देनादन की तैयारी में हैं। नए प्रदेशों में ताबड़तोड़ संस्करण लांच करने का इरादा है। आईपीओ (इनीशियल पब्लिक आफर) इसी महीने के मध्य में लाए जाने की घोषणा आज भास्कर समूह की तरफ से कर दी गई। तकरीबन साढ़े चार सौ करोड़ रुपए भारतीय पूंजी बाजार से उगाहने की योजना है। इस रुपये के बारे में भास्कर ग्रुप ने बताया है कि इन पैसों से वह अगले दो सालों में विस्तार कार्यक्रमों को अंजाम देगा। जाहिर है, भास्कर  बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश जैसे प्रमुख हिंदी इलाकों में घुसने का मंसूबा बना चुका है। इन तीन प्रदेशों में भास्कर समूह दैनिक जागरण, हिंदुस्तान और प्रभात खबर, अमर उजाला से दो-दो हाथ करने की तैयारी में है।

भास्कर की सटीक रणनीति और तेजी को देखकर दूसरे मीडिया हाउसों में बेचैन ही। खासकर उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के जमे-जमाए खिलाड़ियों को अगले चार-पांच साल के लिहाज से योजना बनानी पड़ रही है। सूत्र कहते हैं कि भविष्य की तैयारियों के मद्देनजर कई मीडिया हाउसों में अगले कुछ महीनों में शीर्ष स्तर पर कई तरह के बदलाव हो सकते हैं।

सूत्रों के मुताबिक भास्कर की योजना प्रसार और पाठक संख्या के मामले में नंबर वन बनने का है। इसके लिए उसने बड़े पैमाने पर विस्तार की तैयारी की है। इसी विस्तार के लिए उसने मार्केट से पैसा निकालने की रणनीति बनाई है। इस रणनीति को मूर्त रूप देने की शुरुआत हो चुकी है। भास्कर प्रबंधन ने आज अपने अखबारों में आईपीओ लाए जाने के बारे में बड़ी से खबर प्रकाशित की है। साथ ही भास्कर समूह की तरक्की को दर्शाने वाले विज्ञापन समूह के अखबारों व कई बाहरी अखबारों में भी प्रकाशित कराए गए हैं। इस सबके पीछे मकसद आईपीओ की सफलता की गारंटी करना है। भास्कर के आईपीओ लाने के बारे में जो खबर प्रकाशित हुई है, वह इस प्रकार है-


 

भास्कर समूह आईपीओ लाएगा

प्रतिष्ठित हिंदी समाचार-पत्र दैनिक भास्कर की प्रकाशक कंपनी डीबी कॉर्प ने शेयर बाजार में उतरने का फैसला किया है। दैनिक भास्कर, दिव्य भास्कर, डीएनए समेत सात समाचार पत्रों की प्रकाशक कंपनी डीबी कॉर्प जल्दी ही अपना इनीशियल पब्लिक ऑफर (आईपीओ) लाएगी। इसके जरिए कंपनी अपने विकास और विस्तार के लिए पूंजी जुटाने जा रही है। प्रमुख हिंदी अखबार के रूप में स्थापित दैनिक भास्कर पिछले 50 वर्षे में सफलता के नये आयाम छूता रहा है और नये बाजारों में अपनी पकड़ मजबूत करता रहा है। यह अखबार अब कई अन्य नए बाजारों में मजबूती के साथ दस्तक देने की तैयारी में है।

कंपनी 1.81 करोड़ शेयर जारी करेगी जिनमें से 1.27 करोड़ नए शेयर होंगे। यह पूरा ऑफर कंपनी के आईपीओ के बाद पूंजी का 10 फीसदी होगा। डीबी कॉर्प के डायरेक्टर गिरीश अग्रवाल ने बताया कि अभी कंपनी ने शेयर कीमत के लिए प्राइस बैंड तय नहीं किया है लेकिन हमने निश्चय किया है कि जो निवेशक शेयर खरीदें उनके लिए यह फायदेमंद रहे।

आईपीओ के जरिये जुटाई जाने वाली पूंजी के उपयोग के सवाल पर अग्रवाल ने बताया कि यह पैसा नए मार्केट में लांचिंग के लिए खर्च किया जाएगा और कुछ पैसा कंपनी के पिछले कर्ज उतारने में इस्तेमाल होगा। डीबी कॉर्प अगले दो सालों में नए बाजारों पर फोकस करने की योजना बना रही है। कंपनी अपने मौजूदा शहरों में और तेजी से विस्तार करेगी और नये बाजारों में अपनी पहुंच बढ़ाएगी। कंपनी तीन भाषाओं (हिंदी, गुजराती और अंग्रेजी) में सात समाचार पत्रों, उनके 48 संस्करणों और 128 उप संस्करणों का 11 राज्यों में प्रकाशन करती है। इन राज्यों में मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, चंडीगढ़ और महाराष्ट्र शामिल हैं। इन स्थानों में दैनिक भास्कर सबसे सफल अखबार के रूप में काबिज है। समूह का गुजराती दैनिक दिव्य भास्कर गुजरात में सबसे सफल गुजराती अखबार है।

भास्कर समूह ने कई नये शहरों में विस्तार किया है और वहां लगातार सफलता हासिल की है। इस सफलता के पीछे भास्कर समूह की निष्पक्ष पत्रकारिता और पाठक की जरूरत समझते हुए उसकी चाहत का अखबार निकालना प्रमुख कारण है। भास्कर लाखों की तादाद में अपने पाठकों से संवाद करता है। यह संवाद उनकी जरूरतों को समझने के लिए किया जाता है जो दैनिक भास्कर समूह को उसके पाठकों से जोड़ता है और उसकी सफलता का राज है। भास्कर की विशाल पाठक संख्या का विश्वास इसी बात से जुड़ा है कि भास्कर एक निष्पक्ष पत्रकारिता का संवाहक है। भास्कर समूह की एक और सफलता उसका माई एफएम रेडियो स्टेशन है जो 17 शहरों में सफलता का परचम फहरा रहा है।

डीबी कॉर्प तेजी के साथ विकास कर रहा देश का ऐसा समाचार पत्र समूह है जिसका मुख्य जुड़ाव आम जनता से है। समूह की सबसे बड़ी ताकत उसका विशाल पाठक वर्ग है। कंपनी ने इस साल अगस्त में ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रोस्पेक्टस (डीआरएचपी) कैपिटल मार्केट रेग्यूलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) के पास दाखिल किया था। इसे सेबी की मंजूरी मिल गई है। साभार : भास्कर डाट काम


 

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