”खोजी पत्रकारिता के लिए स्टिंग आपरेशन और स्पाई कैमरे की जरूरत नहीं है। यदि पत्रकार में दी गई सूचना को छापने की कूव्वत हो और सूचना देने वाले का नाम छिपाने की माद्दा हो तो गोपनीय सरकारी फाइलें खुद ब खुद पत्रकार के घर पहुंच जाती हैं। सूचना का अधिकार तो अब आया है लेकिन दो दशक पहले गोपनीय सरकारी रिकार्ड के आधार पर कई घोटालों का भंडाफोड़ किया गया। हरियाणा में जहां सदियों पूर्व भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था, अब वह भ्रष्ट नेताओं की वजह से लैंड माफिया, वाइन माफिया और माइन माफिया की धरती में तब्दील हो गया है। ऐसे समय में खासकर हरियाणा के लिए खोजी पत्रकारिता की बहुत जरूरत है।
एक अच्छा खोजी पत्रकार बनने के लिए जबरदस्त हाजमा रखने की कला होनी चाहिए। आंख-कान-नाक खुले रखना बेहद जरूरी होता है। सूचना के अधिकार का जमकर प्रयोग करना चाहिए। सूंघने की तेज शक्ति के साथ-साथ व्यवसाय में ईमानदारी जरूरी है। ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर की नीति पर चलना चाहिए। आम आदमी व छोटे कर्मचारियों से मेलजोल रखना बहुत जरूरी होता है। सरकारी प्रेस नोटों को पैनी दृष्टि से देखिए, कुछ नया मिल सकता है। पत्रकार को अपनी जुबान नरम और कलम सख्त रखने की कला का ज्ञान जरूरी है।”
यह सब कहते हैं पवन कुमार बंसल। जनसत्ता के प्रमुख संवाददाता पद से पवन कुमार बंसल तीन साल पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प चुनकर रिटायर हुए। तबसे वे हरियाणा की राजनीतिक राजधानी रोहतक में रहकर स्वत्रंत पत्रकारिता कर रहे हैं। वे पत्रकारिता के अपने दिनों के अनुभवों पर कई किताबें लिख रहे हैं। साथ ही कविता संग्रह और हरियाणा से जुड़े मुद्दों पर भी कलम चला रहे हैं और इन्हें किताब की शक्ल दे रहे हैं। राजकीय महाविद्यालय, जींद के छात्र रहते हुए इंडियन एक्सप्रेस के जींद जिले के अंशकालीन संवाददाता बने बंसल ने 1998 में हरियाणा की राजनीति और संस्कृति पर ”हरियाणा के लालों के सबरंगे किस्से” नामक हास्य पुस्तक लिखी थी जो काफी लोकप्रिय हुई। इस किताब का प्राक्कथन प्रभाष जोशी ने लिखा। भारतीय प्रेस परिषद् के तत्कालीन अध्यक्ष न्यायमूर्ति पी.पी. सावंत, प्रख्यात पत्रकार खुशवंत सिंह, क्रिकेटर कपिल देव ने इस किताब को काफी सराहा।
हाल-फिलहाल उनकी जो किताब रिलीज के लिए तैयार है, वो है- ”खोजी पत्रकारिता- क्यों और कैसे?” 30 वर्ष तक हरियाणा के जींद, रोहतक और चंडीगढ़ में रहकर जनसत्ता, इंडियन एक्सप्रेस, भू-भारती, सन वीकली, पींग आदि अखबारों के लिए हरियाणा की अपनी रिपोर्टिंग करने वाले बंसल ने अपनी नई किताब में पत्रकारिता के हर पहलू को छुआ है। खबर लिखने की कला, शीर्षक का महत्व, खबर से खबर निकालने की कला को उदाहरण देकर समझाया गया है। लेखक का दावा है कि यह किताब खोजी पत्रकारिता तो सिखाती ही है, हरियाणा के पिछले 30 वर्ष की राजनीतिक और अफसरशाही के कारनामों का पर्दाफाश भी करती है। इसके अलावा यह हरियाणा के जींद जैसे पिछड़े क्षेत्र से पत्रकारिता में आए एक ऐसे युवक की कहानी है जिसने ना तो विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त की और ना ही पत्रकारिता के विश्वविद्यालय में। केवल बी.काम. तक शिक्षा प्राप्त करने के बाद पत्रकारिता के क्षेत्र में अपने कलम के चलते अच्छी खासी ख्याति और ऊंचाई हासिल की।
240 पृष्ठों की इस किताब का उदघाटन 10 मई को रोहतक के बाबा मस्तनाथ इंजीनियरिंग कालेज के कान्फ्रेंस हाल में मशहूर पत्रकार प्रभाष जोशी करेंगे। इस कार्यक्रम में हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रघुबीर सिंह कादियान मुख्य अतिथि होंगे। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मास्टर हुकम सिंह अध्यक्षता करेंगे। हरियाणा के उर्जा मंत्री रणदीप सिंह सुरजेवाला, शिक्षाविद एवं हरियाणा प्रशासनिक सुधार आयोग के सदस्य डी. आर. चौधरी एवं महिला अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाली समाजसेविका मधु आनंद विशिष्ट अतिथि होंगे।
पवन कुमार बंसल से संपर्क करने के लिए उन्हें 01262-252089 या 9017553586 पर रिंग कर सकते हैं या फिर [email protected] पर मेल कर सकते हैं।