एक लाख रुपये जुर्माना, माफीनामा प्रसारित करने के निर्देश
एक शांतिप्रिय समुदाय के बेहद शरीफ और सम्मानित धर्मगुरु को तालिबानी आतंकियों का साथी बताने वाले इंडिया टीवी ने एक बार फिर जर्नलिज्म के मुंह पर कालिख पोत दी है। इंडिया टीवी ने एक बार फिर टीवी न्यूज इंडस्ट्री की विश्वसनीयता का कबाड़ा कर दिया है। इंडिया टीवी की न्यूज टीम ने एक बार फिर अपने ब्रांड को पलीता लगा दिया है। मामला है फरहाना अली का। वे पाकिस्तान में जन्मी और अमेरिका में पली-बढ़ी हैं।
वे लेखिका हैं, लेक्चरर हैं और पालिसी एनालिस्ट भी हैं। इन्हीं फरहाना अली को इस न्यूज चैनल ने अमेरिकी जासूस बता दिया। यही नहीं, उनका फर्जी इंटरव्यू भी अपने यहां प्रसारित कर दिया। इस फर्जीवाडे़ को अंजाम दिया इंडिया टीवी की ‘होनहार’ न्यूज टीम ने। फरहाना अली का कहना है कि उन्हें हिंदी आती ही नहीं, वे केवल अंग्रेजी और उर्दू जानती हैं लेकिन इंडिया टीवी ने उनका इंटरव्यू विशुद्ध हिंदी में दिखाया है। फरहाना का आरोप है कि उनकी जगह किसी दूसरी महिला की आवाज में फर्जी इंटरव्यू रिकार्ड कर प्रसारित किया गया है। इंटरव्यू देखकर ऐसा लगता है कि जैसे खुद फरहाना ने इंडिया टीवी को इंटरव्यू दिया हो, जबकि फरहाना ने कभी इंडिया टीवी को कोई इंटरव्यू दिया ही नहीं।
फरहाना ने इस फर्जीवाड़े के खिलाफ टीवी न्यूज चैनलों के संगठन नेशनल ब्राडकास्टिंग एसोसिएशन (एनबीए) का दरवाजा खटखटाया। इस संगठन का गठन टीवी न्यूज चैनलों ने खुद को अनुशासित और नियंत्रित करने के लिए और सरकारी नियंत्रण से मुक्त रखने के लिए पिछले साल अक्टूबर में किया। एनबीए के हेड हैं पूर्व मुख्य न्यायाधीश जेएस वर्मा। इस संगठन में कुल 31 ब्राडकास्टर शामिल हैं। इस संगठन ने अपने पहले आदेश इंडिया टीवी पर एक लाख रुपये का जुर्माना किया है और लिखित माफीनामा चैनल पर प्रसारित करने को कहा है। फरहाना अली ने द्वारा एनबीए में दायर शिकायत में कहा गया है कि इंडिया टीवी ने उनके साथ जो कुछ किया, वह “फैक्चुवली इनकरेक्ट, अन-इथिकल और अन-जस्टीफाइड” है। इंडिया टीवी ने फरहाना का इंटरव्यू मुंबई आतंकी हमलों के बाद के प्रोग्रामों की श्रृंखला में किया था। उस दौरान इंडिया टीवी ने अन्य न्यूज चैनलों को पछाड़ने के लिए और नया कुछ पेश करने के लिए फरहाना के इंटरव्यू को न सिर्फ तोड़ा-मरोड़ा बल्कि उसे हिंदी में डब कराया, उसे अमेरिकी जासूस बताया और एक सनसनीखेज व एक्सक्लूसिव कार्यक्रम बताकर पेश किया।
एनबीए स्टैंडर्ड डिस्पुट रिड्रेसल अथारिटी की तरफ से एनबीए के स्व-नियमन सिद्धांतों और विशिष्ट गाइडलाइन के उल्लंघन पर इंडिया टीवी को लताड़ा गया है। आदेश दिया है कि इंडिया टीवी एक महीने के अंदर एनबीए के पास एक लाख रुपये जुर्माना जमा करे और किसी भी रोज शाम आठ से नौ बजे के बीच चैनल पर माफीनामा टिकर के रूप में हर 12 मिनट के अंतराल पर कुल पांच बार प्रसारित करे। उधर, इंडिया टीवी ने एनबीए में अपनी सफाई में कहा है कि उसने फरहाना के साथ ई-मेल के जरिए हुए पत्र-व्यवहार के बाद पहले ही स्पष्टीकरण का प्रसारण कर दिया है। इंडिया टीवी ने फरहाना के उस पत्र को भी एनबीए के सामने पेश किया जिसमें फरहाना ने कहा है कि वह इंडिया टीवी की ओर से मिले स्पष्टीकरण से संतुष्ट है। पर इन तर्कों व पत्रों को एनबीए ने खारिज कर दिया। इंडिया टीवी की ओर से अब एनबीए से अऩुरोध किया गया है कि वह अपने फैसले पर अगली मीटिंग में पुनर्विचार करे।
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