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चाइल्ड राइट्स फेलोशिप में दिलचस्पी है?

‘चाइल्ड राइट्स एण्ड यू’ (क्राई) ने बच्चों के अधिकारों से जुड़े मुद्दों पर रिसर्च फेलोशिप देने की घोषणा की है। देश भर से 10 आवेदको को चुना जाएगा और अनुदान राशि 50,000 से 1,00000 के बीच होगी। यह फेलोशिप ऐसी निष्कर्षो तक पहुंचने के लिए शुरू किया गया है जो बच्चों को उनके अधिकारों से वंचित रखते हैं। ‘क्राई’ के डायरेक्टर दीपांकर मजूमदार के मुताबिक- ‘‘संविधान में राज्य से नागरिकों के आपसी संबधों, उनके अधिकार और जवाबदारियों से जुड़ी परिभाषाओं को नए सिरे से समझा जा रहा है। लेकिन दूसरी तरफ, जब इन अधिकारों और जवाबदारियों की व्याख्या होती है तो बच्चों से जुड़े हितों को नजरअंदाज बनाया जाता है।’’

‘चाइल्ड राइट्स एण्ड यू’ (क्राई) ने बच्चों के अधिकारों से जुड़े मुद्दों पर रिसर्च फेलोशिप देने की घोषणा की है। देश भर से 10 आवेदको को चुना जाएगा और अनुदान राशि 50,000 से 1,00000 के बीच होगी। यह फेलोशिप ऐसी निष्कर्षो तक पहुंचने के लिए शुरू किया गया है जो बच्चों को उनके अधिकारों से वंचित रखते हैं। ‘क्राई’ के डायरेक्टर दीपांकर मजूमदार के मुताबिक- ‘‘संविधान में राज्य से नागरिकों के आपसी संबधों, उनके अधिकार और जवाबदारियों से जुड़ी परिभाषाओं को नए सिरे से समझा जा रहा है। लेकिन दूसरी तरफ, जब इन अधिकारों और जवाबदारियों की व्याख्या होती है तो बच्चों से जुड़े हितों को नजरअंदाज बनाया जाता है।’’

दीपांकर मजूमदार ने बताया कि- ‘‘बीते 6 दशकों से बच्चे राष्ट्र निर्माण में हिस्सेदार रहे हैं। इसके बावजूद उन्हें विकास के रास्ते में पीछे की तरफ थकेला जा रहा है। ऐसे में बच्चे और उनकी पहचान न उभर पाने को जुडे़ अध्ययनों को गहराई से समझने की जरूरत है। एक ऐसे समाज में जहां परिवार की भूमिका अहम है और समुदाय, अर्थव्यवस्था या राज्य की प्रवृतियों में बदलाव आ रहा है वहां हमें जानना होगा कि बच्चों के अपने अनुभव कैसे रहे ? यह फेलोशिप मूल विचार, गैर-पंरपरागत नजरिया और इस क्षेत्र में रचनात्मक तरीकों की खोज को प्रोत्साहित करेगा। हम शोधकर्ताओं से यह उम्मीद करते हैं कि वह हमें संस्कृति की आपसी क्रिया, परंपरा, कानून, नीति और योजना के बारे में बेहतर ढंग से समझाएंगे।’’

योग्यताएं :  भारतीय और कम से कम 18 साल की उम्र का हो। उन्हें वरीयता दी जाएगी जो सरकारी स्कूल के अध्ययन से जुड़े हो। क्राई ने गांव और शहरी झोपड़ियों के 2,000 से ज्यादा समुदायों के साथ काम करते हुए यह अनुभव किया है कि सरकारी प्राइमरी स्कूलों में ज्यादातर दलित, आदिवासी, लड़कियां और गरीब परिवारों के बच्चे पढ़ते हैं।

भाषा : प्रस्तावों को किसी भी भारतीय भाषा में पेश किया जा सकता है।

समय-सीमा :  एक महीने से एक साल तक।

आवेदन की अंतिम तारीख : 12 सितम्बर, 2009 है। 2009 के जिन शोधार्थियों को इस फेलोशिप से सम्मानित किया जाएगा उनके नाम अप्रेल 2010 तक क्राई की बेवसाइड पर घोषित किये जाएंगे।

आप हमें अपने प्रस्ताव इस ई-मेल पर भेज सकते हैं- [email protected]

क्षेत्रीय भाषा के प्रस्ताव (अंग्रेजी भाषा का अनुवाद करके) डाक के जरिए क्राई के डाक्यूमेन्ट सेंटर के पते पर भेज सकते हैं- क्राई, चाइल्ड राइट्स एण्ड यू, 189 ए, आंनद इस्टेट, सेन गुरूजी मार्ग, मुंबई- 400011.

‘चाइल्ड राइट्स एण्ड यू’ के बारे में : ‘चाइल्ड राइट्स एण्ड यू’ बच्चों के लिए काम करने वाली देश की प्रमुख संस्था है। यह पिछले 30 सालों से एनजीओ, समुदाय, सरकार और मीडिया के साथ मिलकर बच्चों की दिक्कतों और उनके इंसानी पहलुओं को जानने की कोशिश कर रहा है।

अधिक जानकारी के लिए सुमिता मेहता को [email protected] पर लिखें।

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