पूर्व सांसद ने कैमरे के सामने कबूला- ‘मैं भी बेइमानी से सांसद बना’
चुनाव के दौरान विभिन्न पार्टियां एक दूसरे पर बूथ कैप्चरिंग का आरोप लगाती हैं लेकिन शनिवार को सीएनईबी न्यूज चैनल ने बूथ कैप्चरिंग का सच दिखाया. कैमरे के सामने पूर्व सांसद एसपी सिंह बघेल ने कबूल किया वो तीन बार बूथ कैप्चरिंग करके संसद तक पहुंचे. बघेल ने कैमरे के सामने बार-बार ये कहा कि वो बेइमानी से सासंद बने, फर्जी वोटिंग में महारत हासिल है और इस बार भी वो चुनाव जीतेंगे.
उन्होंने समाजवादी पार्टी में रहकर सीख लिया है कि बूथ कैप्चरिंग कैसे होती है. एसपी सिंह बघेल जलेसर लोकसभा सीट से लगातार तीन चुनाव जीते. पहली बार वो 1998 में, दूसरी बार 1999 में और तीसरी बार 2004 में जलेसर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर संसद के लिए चुने गए. इस बार एसपी सिंह बघेल फिर चुनाव मैदान में हैं लेकिन इस बार उन्होंने पाला बदल दिया है. इस बार बघेल बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर फिरोजाबाद से चुनाव लड़ रहे हैं. खुद को बूथ कैप्चरिंग का चैंपियन कहने वाले एसपी सिंह बघेल सीना ठोंक कर कहते हैं कि पिछले चुनाव में उनके क्षेत्र में एक सौ चौवन पोलिंग बूथ्स पर नब्बे से सौ फीसदी तक वोटिंग हुई थी. चुनाव आयोग ने इन पोलिंग स्टेशन्स पर दोबारा मतदान करवाया था. दोबारा मतदान लालू प्रसाद यादव और अजित सिंह के चुनाव क्षेत्रों के कुछ पोलिंग स्टेशन्स पर भी कराया गया था. लालू और अजीत सिंह दोनों हार गए लेकिन बघेल फिर भी चुनाव जीत गए.
बघेल ने कहा – ”मैं भी बेइमानी से सासंद बना हूं. रेहजुआ हम लूटते थे, बडावली हम लूटते थे, नगलाहीर हम लूटते थे, दौलतपुर हम लूटते थे, गोपालपुर हम लूटते थे, झड़ी का नगला हम लूटते थे, कोयला हम लूटते थे, नया बांस हम लूटते थे, बहादुरपुर हम लूटते; थे, मोइनुद्दीनपुर हम लूटते थे, भाऊ का नगता हम लूटते थे, मैं हिन्दुस्तान का वो अकेला एमपी हूं, देश में रिकॉर्ड है मेरा जिसके 154 बूथ्स पर नब्बे परसेंट से सौ परसेंट के बीच वोट पड़े थे तो रीपोल हुआ. लालू के यहां रीपोल हुआ, अजीत के यहां रीपोल हुआ. अजीत रीपोल में हार गए, लालू भी हार गए लेकिन मैं बच गया. सबको याद होगा भाऊ के नगला में रीपोल हुआ था. चमरौला रेलवे स्टेशन वाली मेरी पोलिंग सौ परसेंट हुई थी. अगले साल इलैक्शन में फिर सौ फीसदी हुई. मैं बेइमानी से एमपी बना हूं पार्टनर और अब मौत से डर नहीं लगता. मौत का तो घर देख लिया हैं मैंने. मैंने समाजपार्टी में देख लिया है बूथ कैप्चर कैसे होता है.”
क्या उस गांव में एक भी आदमी नहीं मरा था मतदाता सूची बनने के बाद? एक भी बहू मायके नहीं गई थी? एक भी आदमी फौज में नहीं था? एक भी पुलिस में नहीं था? सौ परसेंट पोलिंग हो ही नहीं सकती कभी. पूर्व सासंद के कबूलनामे से साफ सुथरे चुनावों पर ही सवाल उठ गया है.
राजनीतिक दल बार बार कहते हैं कि साफ सुथरी छवि वाले लोगों को चुनना जनता का काम है अगर जनता बाहुबलियों को या दागदार लोगों को वोट नहीं देगी तभी राजनीति से ऐसे, लोगों को दूर किया जा सकता है. लेकिन सवाल ये है कि अगर लोग वोट डाल ही न पाएं, लोगों का वोट इस तरह के नेता अपने पक्ष में खुद ही डाल लें तो जनता क्या करेगी? आज एसपी सिंह बघेल ने जो बातें कैमरे के सामने कही, वो चुनाव आयोग को चुनौती है, लोकतन्त्र पर धब्बा है. बघेल तीनों बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते हैं लेकिन अब वो मायावती के साथ है.
बघेल के कारनामे का सीएनईबी न्यूज चैनल द्वारा खुलासा किए जाने पर समाजवादी पार्टी के नेता अबु आजमी ने कहा कि बघेल के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, उन्हें चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित करना चाहिए. अबु आजमी ने समाजवादी पार्टी का बचाव भी किया. उन्होंने कहा कि बघेल पार्टी छोड़ने के बाद अब समाजवादी को बदनाम कर रहे हैं. अगर उन्होंने बूथ कैप्चरिंग की है तो उन्हें इसकी सजा मिलनी चाहिए. इससे पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है. अबु आजमी ने कहा कि अब बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती को देखना चाहिए कि क्या वो किसी ऐसे नेता को अपनी पार्टी का उम्मीदवार बनाएंगी जो कैमरे पर कह रहा हो कि वो पहले बूथ कैप्चरिंग करके सासंद बना था.