अंचल के इस्तीफेनामे पर कामता ने एक ई-चट्ठी में उन्हें कुछ सलाह दी है। कामता प्रसाद मीडिया से जुड़े रहे हैं और उनके पास भी कई खट्टे-कड़वे-तीखे अनुभव हैं। दिल्ली से उखड़कर कामता इन दिनों लखनऊ में बसने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने अंचल को सलाह दी है कि ”यर्थाथवादी बनो, पापी पेट से जुड़ी दिक्कतों को भी समझो, अंधविद्रोह कहीं नहीं ले जाता।” आइए, कामता की अंचल के नाम आई ई-चिट्ठी पढ़ें :
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गुरुदेव
नौकरी तो छोड़ दी, अब आगे की योजना मेरे परामर्श से बनायें और अनुवाद के धंधे में आ जाएं। यशवंत जी भी मतिभ्रम के शिकार लगते हैं। मीडिया या प्रेस लोकतंत्र का नहीं वरन राज्य का चौथा खंभा होता है। लोगों को काहे बरगलाते रहते हो भाई। आदर्शवाद बहुत ही घटिया चीज होती है क्योंकि इसका प्रतिपक्ष घोर दुनियादारी भरी होती है। यथार्थवादी बनो और पापी पेट से जुडी दिक्कतों को भी समझो।
अंधविद्रोह कहीं नहीं ले जाता।
शेष कुशल है।
Kamta Prasad
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