”राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी गुप्त सूचनाओं का प्रसारण और प्रकाशन नहीं किया जाना चाहिए” – द न्यूज ब्राडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) की इस गाइडलाइन का कथित उल्लंघन पिछले दिनों न सिर्फ आईबीएन7 ने किया बल्कि द टाइम्स आफ इंडिया, मेल टुडे और एशियन एज ने भी इन सूचनाओं को प्रकाशित कर सरकारी मशीनरी के कान खड़े कर दिए। सरकारी खुफिया तंत्र इन सूचनाओं के प्रकाशन व प्रसारण से परेशान हुआ। एनबीए का ध्यान जब इस तरफ दिलाया गया तो आनन-फानन में आपात बैठक बुला ली गई। 25 अप्रैल को हुई आपात बैठक में इलेक्ट्रानिक और प्रिंट माध्यमों के संपादकीय प्रमुख भी पहुंचे। बैठक में एमओएस, रॉ और सूचना-प्रसारण मंत्रालय के प्रतिनिधि, आईबी चीफ, गृह सचिव, एनबीए महासचिव एनी जोसेफ की भी मौजूदगी थी।
23 अप्रैल को आईबीएन7 पर रात 11 बजे प्रसारित रिपोर्ट और अगले दिन टीओआई, मेल टुडे और एशियन एज में प्रकाशित रिपोर्ट पर चर्चा की गई। कहा गया कि इस रिपोर्ट के प्रकाशन-प्रसारण से एनबीए की उस गाइडलाइऩ का उल्लंघन हुआ है जिसे न्यूज चैनलों को पालन करने के लिए जारी किया गया था। एनबीए मीटिंग में इस कृत्य के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की जरूरत पर बल दिया गया। बैठक में आगे से सभी को ऐसी चीज प्रकाशित-प्रसारित न करने को कहा गया जिससे देश की सुरक्षा खतरे में पड़ने की आशंका हो। बैठक में एनबीए महासचिव एनी जोसेफ ने न्यूज चैनल पर कार्रवाई करने का भरोसा दिया है। बताया जा रहा है कि 4 मई को एनबीए बोर्ड की बैठक में कार्रवाई के तरीके पर विचार किया जाएगा। एनबीए के चेयरमैन जस्टिस वर्मा हैं और एक बार फिर उनके समक्ष दोषी चैनल पर कार्रवाई करने का मामला आ गया है। इससे पहले एक मामले में इंडिया टीवी के खिलाफ जस्टिस जेएस वर्मा सख्त फैसला सुना चुके हैं जिसकी प्रतिक्रिया में इंडिया टीवी ने खुद को एनबीए से अलग करने का ऐलान कर दिया था।