विकास संवाद मीडिया फेलोशिप आवेदन की तिथि बढ़ी : अब 31 तक जमा हो सकेंगे आवेदन : भोपाल : विकास संवाद मीडिया फेलोशिप के आवेदन अब 31 जनवरी तक जमा किए जा सकेंगे। पहले आवेदन की तिथि 25 जनवरी निश्चित की गई थी। मप्र के पत्रकारों को विकास और सामाजिक मुद्दों पर जमीनी लेखन के लिए हर साल यह फेलोशिप दी जाती है।
इस बार छह माह के लिए आठ मुद्दों पर फेलोशिप तय की गई हैं। इसके अंतर्गत सुरक्षित प्रसव और मातृत्व, स्कूली शिक्षा से बाहर बच्चे, शिक्षा व्यवस्था में बच्चों को दंड, देखरेख और संरक्षण की जरूरतमंद बच्चे, किशोर न्याय संरक्षण अधिनियम के संदर्भ में, शिक्षा का अधिकार चुनौती भरी राह, स्वास्थ्य का अधिकार और सामुदायिक निगरानी, शहरी गरीबी का उपेक्षित चेहरा, विस्थापन और बच्चों के अधिकारों का हनन विषय पर पत्रकार लेखन और रिपोर्टिंग कर सकेंगे।
फेलोशिप चयन में चार से पांच वर्ष का अनुभव रखने वाले पत्रकारों को प्राथमिकता दी जाएगी। दो फेलोशिप अंग्रेजी व एक फेलोशिप इलेक्ट्रानिक मीडिया के पत्रकार को दी जानी है। विषय के अंतर्गत एक शोधकार्य भी करना होगा। चुने गए पत्रकारों को हर माह 11 हजार रूपए की सम्मान राशि दी जाएगी। आवेदनों पर विचार कर उम्मीदवारों के चयन का कार्य वरिष्ठ संपादकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की एक स्वतंत्र समिति करेगी।
विकास संवाद फेलोशिप से संबंधित आवेदन-पत्र का प्रारूप पत्रकार अपने संपादक के कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं। ई-मेल भेजकर या पत्र लिखकर विकास संवाद से आवेदन पत्र मंगाया भी जा सकता है। आवेदन www.mediaforrights.org से डाउनलोड भी किया जा सकता है।
bhanu pratap singh
January 27, 2010 at 2:12 pm
sabhi akbharon ko karna chahiye ye kaam.isse patrakar sathiyon me naya karne ki utsukta bani rahegi.
sanjay
January 27, 2010 at 5:41 pm
ab ye felloship kewal MP ke patrkaro ke liye hain. bahari ke liye nhi. phir kya maza aayega.
डॉ.अभिज्ञात
January 27, 2010 at 6:28 pm
फेलोशिप के जो विषय हैं उनका ताल्लुक केवल मध्य प्रदेश से नहीं है। फिर उसे केवल मध्य प्रदेश के पत्रकारों तक ही क्यों सीमित रखा गया है। उसे देश भर के लिए क्यों नहीं मुक्त कर देते। सभी विषय अच्छे हैं और गंभीरता से इन विषयों पर काम करने की आवश्यकता है।
यशवंत जी, आप क्या कहते हैं? बाकी पत्रकार साथी भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया दें ताकि इस अच्छे कार्य में देशभर के पत्रकार दिलचस्पी ले सकें।
Arun Srivastava
January 28, 2010 at 5:21 am
Agar ise desh bhar ke patrakaron ke liye open ker deya jaye to un yuva patrakaron ka utsah badhega, jo likhne-padhne aur samaj ke liye kuch naya karne mein dilchaspi rakhte hain.