सुनील मिश्रा ने भास्कर को अलविदा कह दिया है। सूत्रों के मुताबिक बेहतर काम करने के बावजूद उचित तरक्की ना मिलने पर उन्होंने रिजाइन किया। वे 14 अक्टूबर 2005 को भास्कर के मार्केटिंग विभाग कुरुक्षेत्र (हरियाणा) से जुड़े थे। सूत्रों का कहना है कि उन्होंने अपनी मेहनत से 2.50 लाख रुपये प्रति माह कमाने वाले सेंटर को एक साल में छह लाख रुपये प्रति महीने कमाने वाला सेंटर बना दिया और 2009 तक इसे नौ लाख रुपये प्रति महीने कमाने वाला सेंटर बनाया।
इस बीच में सेलरी पांच हजार रुपये से बढ़ाकर साढ़े आठ हजार रुपये कर दी गई। इसी में मोबाइल पेट्रोल भी शामिल था। सुनील प्रमोशन की उम्मीद में लगे रहे। बिना कोई प्रमोशन लेटर दिए उनकी सेलरी बढ़ाई गई थी। प्रमोशन की बात पर जवाब मिला कि नए सीईओ आशू फेक ने प्रमोशन के संबंध में नियम बना दिए हैं, उसी अनुरूप सब होगा। इससे आहत सुनील ने इस्तीफा दे दिया। सुनील अब मैनेजमेंट की अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाने के लिए लंदन रवाना होने वाले हैं। इसी कारण उन्होंने 31 अक्टूबर 2009 को अपना इस्तीफा भेज दिया। बताते हैं कि भास्कर कुरुक्षेत्र में मार्केटिंग विभाग के एक अन्य कर्मी ने तंग आकर भास्कर से इस्तीफा दे दिया और फील्ड बदलकर अब टीचिंग में चला गया है।