पद्म विभूषण, पद्म श्री और संगीत नाटक अकादमी जैसे पुरस्कारों-सम्मानों से सम्मानित प्रख्यात रंगकर्मी हबीब तनवीर का आज सुबह इंतकाल हो गया। भोपाल में हार्टअटैक के चलते तनवीर साहब का निधन हुआ। 85 साल के हबीब तनवीर की हालत पिछले कुछ महीनों से खराब चल रही थी। उन्हें कई तरह के रोग हो गए थे। रायपुर में 1 सितंबर 1923 को जन्मे हबीब तनवीर की पत्नी मोनिक मिश्रा का पहले ही निधन हो चुका है।
परिवार में उनकी इकलौती बिटिया नगीन हैं। भारतीय थिएटर और रंगकर्म के भीष्म पितामह कहे जाने वाले हबीब तनवीर वर्ष 1972 से 1978 तक राज्यसभा के मनोनीत सदस्य भी रहे। इंग्लैंड जाकर निर्देशन और अभिनय की ट्रेनिंग लेने वाले हबीब के बारे में बहुत कम लोगों को पता होगा कि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत पत्रकारिता से की थी। बाद में वे रंगमंच की ओर मुड़े। कई कालजयी नाटक देने वाले हबीब तनवीर ने कई फिल्मों में भी काम किया है। ‘चरनदास चोर’ नाटक के लिए हबीब तनवीर को वर्ष 1982 में एडिनबर्ग अंतरराष्ट्रीय ड्रामा फेस्टविल में सम्मानित किया गया था। उन्होंने 1959 में भोपाल में ‘नया थियेटर’ की शुरुआत की थी।
हबीब तनवीर के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए आप इन लिंक पर क्लिक कर सकते हैं-