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दुख-दर्द

सीनियर एडिटर शैलेंद्र सिंह का निधन

[caption id="attachment_15050" align="alignnone"]शैलेंद्र सिंहशैलेंद्र सिंह : अब यादें शेष![/caption]

आईबीएन7 के सीनियर एडिटर शैलेंद्र सिंह नहीं रहे। आज तड़के सड़क हादसे में उनका निधन हो गया। दुर्घटना आज सुबह तीन बजे के करीब हुई। शैलेंद्र ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे से घर की तरफ लौट रहे थे। पंचर होने के चलते सड़क पर खड़े ट्रक में उनकी तेज रफ्तार स्विफ्ट कार घुस गई जिससे कार के परखच्चे उड़ गए। ड्राइविंग सीट पर बैठे शैलेंद्र के सिर में बुरी तरह फ्रैक्चर हो गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कार को तोड़ा और उसमें फंसे शैलेंद्र को नजदीक के शारदा अस्पताल पहुंचाया। अत्यधिक रक्तस्राव और जबरदस्त फ्रैक्चर के चलते डाक्टर उन्हें बचा नहीं सके। सुबह सवा पांच बजे शैलेंद्र ने अंतिम सांस ली। वैशाली में रह रहे शैलेंद्र ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे की तरफ क्यों गए थे?

शैलेंद्र सिंह
शैलेंद्र सिंह

आईबीएन7 के सीनियर एडिटर शैलेंद्र सिंह नहीं रहे। आज तड़के सड़क हादसे में उनका निधन हो गया। दुर्घटना आज सुबह तीन बजे के करीब हुई। शैलेंद्र ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे से घर की तरफ लौट रहे थे। पंचर होने के चलते सड़क पर खड़े ट्रक में उनकी तेज रफ्तार स्विफ्ट कार घुस गई जिससे कार के परखच्चे उड़ गए। ड्राइविंग सीट पर बैठे शैलेंद्र के सिर में बुरी तरह फ्रैक्चर हो गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कार को तोड़ा और उसमें फंसे शैलेंद्र को नजदीक के शारदा अस्पताल पहुंचाया। अत्यधिक रक्तस्राव और जबरदस्त फ्रैक्चर के चलते डाक्टर उन्हें बचा नहीं सके। सुबह सवा पांच बजे शैलेंद्र ने अंतिम सांस ली। वैशाली में रह रहे शैलेंद्र ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे की तरफ क्यों गए थे?

इस सवाल के जवाब में बताया जा रहा है कि शैलेंद्र आफिस से निकलने के बाद कई बार अकेले ही लांग ड्राइव पर चले जाते थे। संभवतः इसी उद्देश्य से वे ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे गए और फिर वापस लौट रहे थे। हालांकि उनके घरवालों का कहना है कि वे रास्ता भटक गए थे। शैलेंद्र ने दो साल पहले शराब से तौबा कर लिया था, इसलिए ड्रिंक की वजह से हादसे की बात भी नहीं कही जा सकती।

भिंड के रहने वाले शैलेंद्र सिंह के परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं। छह साल के बेटे का नाम आयाम है और दस साल की बिटिया आस्था हैं।

शैलेंद्र बीएससी और एमए करने के बाद मीडिया के फील्ड से जुड़े। प्रिंट मीडिया में कुछ समय गुजारने के बाद शैलेंद्र ने न्यूज चैनल आज तक ज्वाइन किया। इसके बाद स्टार न्यूज में चले गए। स्टार न्यूज के अपने कार्यकाल में शैलेंद्र मुंबई भी रहे। इसके बाद वे आईबीएन7 में आ गए थे। आईबीएन7 उनके जिंदगी और करियर का अंतिम मीडिया संस्थान साबित हुआ। शैलेंद्र का कुल 15 वर्षों का करियर था। पत्रकार के साथ-साथ एक संवेदनशील और मददगार इंसान के रूप शैलेंद्र अपने दोस्तों में जाने जाते थे। उनकी संवेदनशीलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मीडिया की नौकरी के साथ-साथ वे गजल और कविता लेखन का काम भी करते रहे। उनकी दो किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। ‘जानता हूं जिंदगी’ नामक किताब कविता संग्रह है तो ‘कुछ छूट गया है’ गजल संग्रह है।

शैलेंद्र की मृत्यु की खबर जिसे भी मिली, वह स्तब्ध रह गया। सबकी एक ही प्रतिक्रिया थी- इतने अच्छे इंसान के साथ यह क्या हो गया!

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