दिल्ली के पत्रकार आजकल दिल्ली पुलिस से खफा है। वजह है एक पुलिस अधिकारी द्वारा मीडियाकर्मियों से दुर्व्यवहार। 11 सितंबर को नार्थ-ईस्ट दिल्ली के ख्ाजूरी खास के एक सरकारी स्कूल में भगदड़ से 5 लड़कियों की मौत हो गई थी। इसी घटना के सिलसिले में विगत दिनों मीडिया के लोग गुरु तेग बहादुर अस्पताल पहुंचे। यहां दिल्ली के नार्थ-ईस्ट जिले के डीसीपी एसएस यादव पहले से मौजूद थे। उनसे पत्रकारों ने जब सवाल-जवाब किया तो बताया जाता है कि डीसीपी ने मीडियाकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की की। कहा यह भी जा रहा है कि कुछ मीडियाकर्मियों के कैमरों को भी नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया गया। पत्रकार इस दुर्व्यवहार से खफा हो गए।
पत्रकारों ने आज दिल्ली पुलिस मुख्यालय में एक बैठक कर डीसीपी के व्यवहार की निंदा की और दिल्ली पुलिस के अफसरों द्वारा पत्रकारों के साथ दुर्व्यहार की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई। यूथ जर्नलिस्ट एसोसिएशन के महासचिव सुबोध जैन के नेतृत्व पत्रकारों का प्रतिनिधिमंडल पुलिस मुख्यालय में पुलिस कमिश्नर वाईएस डडवाल से भी मिला। डडवाल ने इस प्रकरण पर उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। पत्रकारों ने पुलिस मुख्यालय में ही यह तय किया कि अगर पुलिस कमिश्नर इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं करते हैं तो पुलिस की प्रेस कांफ्रेंस का बहिष्कार किया जाएगा। इसके साथ शांतिपूर्वक धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। अगर जरूरत पड़ी तो पत्रकार इस सिलसिले में गृहमंत्री से भी मिलेंगे। बैठक में प्रदीप श्रीवास्तव, नीरज राजपूत, जितेंद्र शर्मा, जितेंद्र कुमार, मीताली चंदोला, नरेंद्र भंडारी, सत्येंद्र त्रिपाठी, प्रदीप सिंह, राजीव कुमार, राजेश सरोहा समेत करीब 100 पत्रकार मौजूद थे।