अपने पति से होने वाले विवादों के बारे में वह अपने करीबी महिला दोस्तों से दुख-सुख शेयर करती थी. उसकी कुछ दोस्तों ने बताया कि उसकी शनिवार की रात दीपिका से बात हुई. जब आत्महत्या के बारे में पता चला तो बताया गया कि उसने संडे को सुसाइड किया. विश्वास नहीं हो रहा कि वह अचानक कुछ घंटों बाद ऐसा कदम उठा सकती है. यह सब कैसे हुआ, समझ में नहीं आ रहा है. लेकिन मामला कुछ न कुछ गड़बड़ जरूर है. देखना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या निकल कर आता है. मां-पिता के अधिकारियों के सामने बयान हो रहा है.
दीपिका शादी के लिए चैनल से छुट्टी लेकर गई हुई थी. वो फिर से मीडिया में वापसी के लिए भी तैयारी कर रही थी लेकिन ससुराल के लोगों का उस पर नौकरी न करने का दबाव था. पूरे केस को ससुराल वालों ने सुसाइड की तरह पेश किया है लेकिन कई ऐसे बिंदु हैं जिससे आत्महत्या की कहानी पर सवालिया निशान लगता है. अंतिम तौर पर पुलिस जांच से ही पता चलेगा कि मामला क्या है. बताया जाता है कि दीपिका की दिल्ली के जिस इलाके में शादी हुई, वह गांव की तरह का है. वहां स्थानीय रसूखदार लोगों की ज्यादा चलती है, पुलिस-प्रशासन की कम. घटना के बाद मीडिया के लोग मौके पर पहुंचे थे तो उन्हें भी धमकाने की कोशिश की गई थी.
दीपिका के शादी के समय की तस्वीर भड़ास4मीडिया के पास आई है, जिसे हम नीचे प्रकाशित कर रहे हैं. तस्वीर में दीपिका के अलावा उसके पति व अन्य लोग दिखाई दे रहे हैं.
अमित कुमार सिंह
September 15, 2010 at 3:43 pm
दीपिका सचमुच साहसी थी…खुशमिजाज और अपने काम के प्रति सजग… उसने मेरे साथ करीब छह महीने तक काम किया…यकीन ही नहीं हो रहा कि अब वो इस दुनिया में नहीं है।
sanjeev kumar singh
September 15, 2010 at 4:04 pm
दीपिका की मौत का मुझे काफी अफशोस हैं/ साथ ही इस बात का मुझे काफी अफशोस है की एक पत्रकार होते हुए उसके लिए कुछ नहीं कर सका / और इसके लिए उसके माता पिता के साथ साथ आप लोग भी जिम्मेबार हो / आप को बता दूँ सच्ची पत्रकारिता कभी घुटने नहीं टेकती और सच्चा पत्रकार कभी धमकियों से डरता नहीं / आप लोगों ने तथा A2Z के सहयोगी पत्रकार ने हमें सुचना दी मौके पर पहुँच हमने विषम हालत में विजुअल भी बनाया / गाँव का माहौल होते हुए भी हमने दीपिका के पति भूपेंद्र यादव का भी विजुअल बनाया /जबकि वहां के लोग केमरा बंद करने की बात कर रहे थे / बाईट देने और फ़ाइल फोटो देने की की बात जब हमने की तो सहयोगी पत्रकार ने कहा की आप रोड पर चलें मै दीपिका के पिता जी को लेकर आता हूँ फोटो मेरे मोबइल में है मै ट्रांसफर कर दूंगा/ लेकिन काफी देर इंतजार करने के बाद भी मेरे सहयोगी मित्र नहीं आये / सायद डर कर चले गये / केमरा और आई डी हमारे हाथ में था डरना हमें चाहिए आप लोगों को नहीं / जब दीपिका के पिताजी जे पि यादव अपने घर जाने के लिए आये तो हमने बाईट देने की बात की तो तो वे बोले जाफर पुर थाने आ जाये वही बाईट दे दूंगा / हमलोग जाफर पुर थाना गए /वहां दीपिका के पिता जी बाईट देने से मना कर दिए / रही आप महिला मित्र की बात तो आपने मेरे सहयोगी पत्रकार को फोन पर सूचना दी थी तो हमलोग जाफरपुर हॉस्पिटल गये / जाफरपुर हॉस्पिटल से जब फोन किया तो आप लोग बोले दीपिका के ससुराल कादीपुर आ जाइए / हमलोग जब कादीपुर गए तो आप लोग जा चुकी थाई या नहीं ये तो आप ही जाने / लेकिन हमारा फोन उठाना उचित नहीं समझा / जाफरपुर से कड़ी पुर का रास्ता मात्र १५ मिनट्स का है / भड़ास पर कोमेंट लिख बाह्बाई लूटना काफी आसान है लेकिन किसी की मदद करना काफी मुश्किल है/ आप की जानकारी के लिए बता दूँ की मेरे साथ एक और चेनल का रिपोर्टर साथ था और उसका भी सीनियर उससे पल पल की खबर ले रहा था/ हम लोग इस मामले को काफी गंभीरता से ले रहे थे लेकिन आप लोगों की कायरता के कारन दीपिका का मदद नहीं हो सका / अप लोगोनो में से कोई भी बाईट और फोटो दे दिए होते तो सायद आपको भड़ास में लिखने का मौका नहीं मिलता /