कायदे-कानून के साथ इससे बड़ा मजाक और क्या होगा कि गैरकानूनी जमीन पर बिना नक्शा पास कराए यूनिवर्सिटी खड़ी कर ली गई मुख्यमंत्री से उदघाटन भी करा लिया गया और करोड़ों रुपए का अनुदान भी ले लिया। यह सब इसलिए हुआ क्योंकि मामला मायावती के बाद सबसे मजबूत बसपा नेता सतीश मिश्रा से जुड़ा था। पार्टी पावर में है और खुद पावरहाउस। नतीजा सारी हदें पार हो गई। विश्वविद्यालय का नाम है डा. शकुंतला मिश्रा रिहेबिलिटेशन यूनिवर्सिटी फॉर द डिसेबल्ड। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने साफ तौर पर कह दिया है कि इस विवि का कोई नक्शा पास नहीं है। समाज कल्याण विभाग भी कह रहा है कि उसे कुछ जानकारी नहीं है।
यह खुलासा तब हुआ जब सूचना के अधिकार के तहत सामाजिक कार्यकर्ता उर्वशी शर्मा ने इस निर्माण पर सवाल उठाए और सरकारी उत्तर सामने आए। 5 सितंबर को विश्वविद्यालय का उदघाटन करते वक्त मुख्यमंत्री मायावती ने पहले चरण में विवि को 397 करोड़ रुपए देने की घोषणा की थी। सत्ता के इस गोरखधंधे को उजागर करने का साहस जुटाया है लखनऊ और इलाहाबाद से प्रकाशित हिंदी दैनिक डेली न्यूज एक्टिविस्ट (डीएनए) ने।
डीएनए, लखनऊ की रिपोर्टर दीप्ति चौहान की बाइलाइन इस एक्सक्लूसिव खबर को पूरा पढ़ने के लिए आप इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं- पावर