यूपी के चर्चित अखबार डेली न्यूज एक्टिविस्ट ने आज प्रकाशित अपने अखबार में यूपी के सबसे ताकतवर नौकरशाह शशांक शेखर सिंह की करतूत का पर्दाफाश किया है। दलितों के वोट से सत्ता में आई मायावती सरकार के इस प्रिय नौकरशाह ने एक दलित परिवार की साढ़े आठ बीघे जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है। ‘नामी हाकिम ने कब्जाई दलित की जमीन‘ से पहले पन्ने पर टाप बाक्स में प्रकाशित राजेंद्र के. गौतम की इस स्टोरी की शुरुआत कुछ यूं है- ‘गरीबी, भूख, भय, दर्द और आतंक के साए में रह कर सत्ता के सबसे ताकतवर नौकरशाह शशांक शेखर सिंह और उनके भाई मुदित वर्मा से अपनी जमीन पर अवैध कब्जा हटाने के लिए संघर्ष कर रहा है एक दलित राजकुमार पासी।
इनकी ताकत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि अदालत के आदेश के बाद भी इन लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने में प्रशासन घबरा रहा है। दलित उत्पीड़न का यह मामला दलितों की रहनुमाई करने वाली सरकार को दिखाई दे नहीं रहा है। इस नौकरशाह की ताकत से लोहा लेते-लेते दलित रामकुमार एक-एक पैसे का मोहताज हो गया है। आज स्थिति यह है कि 16 सदस्यीय इस दलित परिवार के पास दो वक्त खाने के लाले हैं।’
डीएनए ने इस खबर के साथ रामकुमार पासी के परिवार की तस्वीर व जमीन के नक्शे की तस्वीर भी प्रकाशित की है। पूरी खबर पढ़ने के बाद किसी भी संवेदनशील पाठक को यह आसानी से अंदाजा हो सकता है कि जनता का भला करने के नाम पर सत्ता व सिस्टम में काबिज नेता-नौकरशाह किस तरह जनता का ही खून पी-पी कर मोटे हो रहे हैं। सत्ताधारी पार्टी के नेताओं, मंत्रियों-विधायकों, नौकरशाहों के खिलाफ खबर लिखने से बचने वाली मीडिया में डीएनए जैसे कुछ ही ऐसे माध्यम हैं जो जनहित में पूरी बेबाकी से सत्ता की पोलखोल का कार्यक्रम चला रहे हैं। पूरी खबर आप जरूर पढ़ें, इसके लिए क्लिक करें- नामी हाकिम ने कब्जाई दलित की जमीन