पहले घोसी लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी राम इकबाल सिंह का आरोप। इसके बाद इसी लोकसभा क्षेत्र से सपा प्रत्याशी अरशद जमाल का आरोप। अखबारों द्वारा चुनावी मौसम के दौरान बेशर्मी से पैकेज की मांग। मीडिया की इस बीमारी और बेशर्मी पर अब बहुजन समाज पार्टी ने हमला बोला है। चंडीगढ़ में आयोजित जनसभा में पार्टी सुप्रीमो मायावती के सामने बसपा प्रत्याशी ने अखबारों द्वारा मांगे जा रहे पैकेज के मुद्दे को उठाया। बसपा प्रत्याशी ने कहा कि वे चुनाव हारना पसंद करूंगा लेकिन किसी कीमत पर अखबारों में पैसे देकर खबर नहीं छपवाऊंगा। चंडीगढ़ में 28 अप्रैल को बसपा की जनसभा थी। इसमें हिस्सा लेने मायावती भी आई हुई थीं। चंद्रशेखर की सरकार में मंत्री रहे हरमोहन धवन यहां बसपा से प्रत्याशी हैं। रैली में उपस्थित हजारों की भीड़ को संबोधित करते हुए हरमोहन धवन ने कुछ अखबारों पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि कुछ अखबार उनसे खबर छापने के लिए लाखों रुपये मांग रहे हैं। वे अखबार का नाम नहीं लेंगे और समय आने पर उनका खुलासा करेंगे पर वो जनता को बताने चाहते हैं कि अखबार पैकेज के नाम पर लाखों रुपये की मांग कर रहे है। हरमोहन धवन ने कहा कि कुछ अखबार के प्रतिनिधि उनके पास आए और कहा कि बाकी दलों के प्रत्याशियों ने अपने कार्यक्रमों के कवरेज के लिए आठ से दस लाख रुपए दिए हैं, इसलिए वे भी आठ से दस लाख रुपये का पैकेज अखबार से खरीद लें। हरमोहन धवन ने अखबारों पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि अखबार न तो चुनाव जिता सकते हैं और न ही हरवा सकते हैं। यूपी में विधानसभा चुनावों के दौरान यही अखबार वाले त्रिशंकु विधानसभा की भविष्यवाणी कर रहे थे। लेकिन जब परिणाम आया तो सारा कुछ सामने आ गया।
मायवती ने भी अपने भाषण के दौरान मीडिया पर जोरदार हमला बोला। मायावती ने कहा कि कुछ टीवी चैनल और प्रिंट मीडिया के लोग दूसरे दलों के कब्जे में हैं और खबरों के माध्यम से शरारत करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में सावधान रहने की जरूरत है। ये अखबार वाले कुछ दलों के बहकावे में आकर सामाजिक सदभाव खराब करने की भी कोशिश करेंगे। जब हरमोहन धवन और मायावती मीडिया पर हमला बोल रहे थे तो पंडाल में बैठी हजारों की जनता जोरदार तालियां बजा रही थी। सूत्रों का कहना है कि दो राष्ट्रीय हिंदी दैनिकों के प्रतिनिधियों ने धवन से पैकेज को लेकर बातचीत की थी। एक राष्ट्रीय हिंदी दैनिक ने धवन से आठ लाख रुपये और दूसरे ने चार लाख रुपये की मांग की थी। इस पैकेज में सिर्फ रुटीन खबरों का कवरेज शामिल था। पैसे न देने के चलते ही चंडीगढ़ से छपने वाले चारों राष्ट्रीय हिंदी अखबारों में बसपा का कवरेज लगभग न के बराबर है। बसपा के ठीकठाक कार्यक्रमों को भी या तो अखबार के पन्नों से गायब किया जा रहा है या कभी कभार सिंगल कालम छापा जा रहा है। चंडीगढ़ और पंजाब के पुराने अखबार ट्रिब्यून में बसपा को पूरा कवरेज मिल रहा है। बताया जाता है कि खबरों में अनदेखी के बाद धवन सारे हिंदी अखबारों के संपादकों से भी संपर्क कर चुके हैं। उन्होंने इस संबंध में अपनी शिकायत भी दर्ज कराई थी। इस शिकायत के बाद ही हिंदी अखबारों के संबंधित रिपोर्टर अपने मार्केटिंग के लोगों के साथ धवन के पास पहुंचे और पैकेज का प्रस्ताव रखा।
रिपोर्ट : संजीव (चंडीगढ़) – [email protected]