‘इंडियन डाइस्पोरा एंड सिनेमा’ विषय पर एक पैनल डिस्कसन का आयोजन कल नई दिल्ली के लोधी रोड स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित किया गया। इस अवसर पर मारीशस के हाई कमिश्नर मुकेस्सवर चूनी ने ‘प्रवासी फिल्म फेस्टिवल 2010’ के बारे में ज्यादा जानकारी देने के लिए www.pravasifilmfestival.in वेबसाइट को लांच किया।
प्रवासी टुडे ग्रुप की ओर से आयोजित डिस्कशन में फिल्म समीक्षक विनोद भारद्वाज ने कहा कि संवेदनाओं को फिल्मों के माध्यम से दुनिया के सामने प्रस्तुत किया जा सकता है। उन्होंने अपना एक संस्मरण सुनाते हुए कहा कि एम्सटरडम में एक रेस्तरा में बैठा हुआ था। पास में ही एक शानदार व्यक्तित्व का शख्स भी बैठा था। उसने बताया कि मैं बम गिराने का काम करता था। इस काम से बहुत से लोग मारे गए। मुझे पैसा काफी मिला, लेकिन मुझे नींद नहीं आती। तो ऐसे विषयों पर संवेदनशील फिल्में बनाई जा सकती हैं। पत्रकार अनुरंजन झा, लेखक और विचारक के बिक्रम सिंह, जेएनयू से आए अजय दुबे ने भी अपने मत प्रकट किए। राजेश जैन ने धन्यवाद ज्ञापित किया। ज्ञात हो कि प्रवासी टुडे ग्रुप की पहल पर नई दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में 3 जनवरी से 6 जनवरी 2010 तक प्रवासी फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। इसमें मारीशस और इंडिया हैबिटेट सेंटर भी सहयोगी की भूमिका में होंगे। डिस्कसन में अनिल जोशी, डॉ. मैथिली गंजू चौधरी, पंकज दुबे, राजेश जैन भी उपस्थित थे।