सवाल-1… क्या कभी स्कूल बंक किया है? जवाब… ना-ना, मैंने कभी स्कूल बंक नहीं किया। सवाल-2… पढ़ने की जगह हरदम शैतानी करती थीं या स्टडी में भी मन लगाया? जवाब… हां, शैतानी तो की है, लेकिन सिर्फ खेलने के समय। ये सवाल किसी चंचल बच्ची से नहीं किए गए… ना ही क्वेश्चन राउंड में बॉलीवुड की कोई हीरोइन शामिल हुई थीं…। सवालों की ये बौछार की नन्हे-मुन्ने बच्चों और स्कूल गोइंग किशोरियों ने और जवाब दिए संसद में ज़ोरदार बहसें करने वाली महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री श्रीमती कृष्णा तीरथ ने।
बाल दिवस, 14 नवंबर को फोकस टीवी के स्पेशल प्रोग्राम ‘हार्ट टू हार्ट’ में बच्चों ने केंद्रीय राज्यमंत्री से न सिर्फ पर्सनल सवाल किए, बल्कि समाज के लिए ज़रूरी कंटेंपरेरी इश्यूज़ पर भी निशाना साधा। बच्चे हर क्वेश्चन का फटाफट जवाब जान लेना चाहते थे और श्रीमती तीरथ ने उन्हें सटीक उत्तर भी दिए। एक बच्चे का सवाल था…राजनीति में महिलाओं की भागीदारी अब तक कम क्यों है?, सवाल सम-सामयिक था और इसकी राजनीतिक अहमियत भी है, सो श्रीमती तीरथ ने सधा हुआ जवाब दिया— महिलाएं हर फ़ील्ड में आगे हैं। चूंकि समाज व राजनीति एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, इसलिए हमारी सोच का असर महिलाओं पर भी पड़ता है।
बच्चों ने कन्या भ्रूणहत्या पर रोक न लगने और बच्चों से जोर-ज़बर्दस्ती मज़दूरी कराने के बारे में भी कृष्णा से कई सवाल किए, जिसका जवाब उन्होंने दिया- सरकार इस तरह की बुराइयों पर लगाम लगाने के लिए कानून बना चुकी है, बस उन्हें सख्ती से लागू किए जाने की ज़रूरत है। श्रीमती तीरथ ने ये भी कहा कि बच्चों को अच्छी तरह पढ़ना-लिखना चाहिए। खेलकूद का मौका भी निकालना चाहिए, लेकिन सबसे ज़रूरी है कि वो पैरेंट्स की बात मानें। उन्होंने कहा कि आज के बच्चे कल के भारत का भविष्य हैं और उनकी सही तरीके से देखभाल की जानी चाहिए। यह कार्यक्रम 15 नवंबर को दिन में साढ़े बारह बजे फोकस टीवी पर दुबारा देखा जा सकता है। प्रेस विज्ञप्ति