महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक और पहल : शहीद की विधवा के आंसू सरकार को भले ना दिखाई दिए हों, लेकिन फोकस टीवी के प्रबंधन ने न सिर्फ उनकी पीड़ा समझी बल्कि उन्हें संस्थान में नौकरी का भरोसा भी दिया है। एशिया के पहले महिला केंद्रित समाचार चैनल ‘फोकस टीवी’ के विशेष कार्यक्रम ‘8 YEARS ON : इंसाफ़ का इंतज़ार’ में हिस्सा लेने अपने दो बच्चों- नवीन और प्रिया के साथ पहुंचीं सुनीता बिष्ट ने चर्चा के दौरान अपनी पीड़ा बताई।
उन्होंने कहा कि 13 दिसंबर, 2001 को संसद पर हुए आतंकी हमले में उनके पति, एएनआई के कैमरापर्सन विक्रम बिष्ट शहीद हो गए थे। तमाम दावों और आश्वासनों के बावज़ूद अब तक सुनीता और उनके परिवार को कहीं से कोई मदद नहीं मिली है। सुनीता ने कहा… हमने सरकार से बार-बार अपील की, एक छोटी-सी नौकरी मिल जाए, तो घर का गुज़ारा चल सके। लेकिन हमें कोई मदद नहीं मिल पाई।
फोकस टीवी प्रबंधन ने शहीद की विधवा का दर्द महसूस किया और कार्यक्रम के दौरान ही उनके सामने नौकरी का प्रस्ताव रखा गया जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार भी कर लिया। चैनल की कंसल्टिंग एडिटर रश्मि सक्सेना ने सुनीता को जल्द ही उनकी योग्यता के अनुसार कार्य पर नियुक्त किये जाने का भरोसा दिलाया। महिलाओं के संघर्ष, सफलता और समस्याओं की बानगी पेश करने वाले फोकस टीवी ने महिला सशक्तीकरण की दिशा में ये उल्लेखनीय पहल की है। प्रेस विज्ञप्ति