अंग्रेज साम्राज्य की निशानी इंडिया गेट पर सलामी बन्द करने तथा 1757 से लेकर 1947 के दौरान स्वाधीनता आन्दोलन में शहीद हुए लाखों देशभक्त शहीदों का इंडिया गेट के सामने शहीद स्मारक बनाने को लेकर तीसरा स्वाधीनता आन्दोलन के राष्ट्रीय संगठक गोपाल राय द्वारा आमरण अनशन का कल 15वां दिन था। 18 अगस्त को पुलिस द्वारा अनशनकरी गोपाल राय को जबरदस्ती उठा ले जाने के बाद से तीसरा स्वाधीनता आन्दोलन से जुड़े तथा भारतीय किसान यूनियन के मध्य प्रदेश सचिव इन्जीनियर राजबहादुर का जन्तर मन्तर पर आमरण अनशन का कल 7वां दिन था।
23 अगस्त 2009 को आन्दोलन के सभी साथियों ने अनशन स्थल जन्तर मन्तर पर रोजा एवं उपवास किया। आन्दोलन के समर्थन में आये मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, बिहार, उत्तराखण्ड के सामाजिक, धर्मिक, राजनीतिक एवं युवा संगठन ने आन्दोलन की मांग को समर्थन देते हुए आशवासन दिया है कि इस मांग को पूरा करने के लिए हर तरह की कुर्बानी देने को तैयार हैं। इन लोगों ने अनशनकारी गोपाल राय और इन्जीनियर राज बहादुर से अपील किया कि आपकी कुर्बानी, त्याग और तपस्या बेकार नहीं जाएगी। हम सब आपको सलाम करते हैं। लड़ाई लम्बी है। हम सभी साथ मिलकर शहीदों के सम्मान के लिए लड़ेंगे। इसलिए आप अपने अनशन को स्थगित करें। तीसरा स्वाधीनता आन्दोलन के राष्ट्रीय प्रमुख एवं शहीद भगत सिंह के भांजे प्रो. जगमोहन सिंह ने जूस पिलाकर पहले गोपाल राय एवं उसके बाद इन्जीनियर राज बहादुर का अनशन तुड़वाया। सभी साथियों ने फैसला लिया कि शहीद स्मारक बनाने की मांग पर सरकार के मौन व्रत का जवाब हम लोग 29 अगस्त तक मौन व्रत रख कर देंगे। 30 अगस्त को जन्तर मन्तर पर जन संसद आयोजित कर संसद मार्च किया जायेगा। उस दिन आन्दोलन के आगे के कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी। इस अवसर पर जेपी आन्दोलन से जुड़े डॉ. राकेश रफीक, जेएनयू के प्रो. यूपी अरोणा, हरियाणा से दिलीप जाखड़, महाराष्ट्र से पीएल जोसेफ, ओमवीर, शबाना आजमी, अनिल कुमार, संत कुमार, राज कुमार सैनी, बछेतर सिंह ग्रेवाल, धनन्जय सिंह, आफताब, विजय आदि उपस्थित थे।