लाइन नहीं मिला तो पहुंच गए टीवी स्टूडियो : ”…अरे कहां घुसल चलत जा तारS….इ हमार टीवी के गफ्तर बा.. .पहिले बताव त….केकरा से मिले के बा….का काम बा…..”
”हमरा ऊ शनिदेव वाला पंडी जी से मिले के …..बलियां से फोन मिलावत मिलावत परेशान हो गइनीं…..लेकिन तहरा स्टूडियो के नंबर बा कि मिलबे ना कइल…..फिर का आज सनीचर बा….त काल्ह हम ट्रेन पकड़नीं आ पहुंचनी तहार स्टूडियो ……….अब हम कुछो नइखीं जानत तू हमरा के पंडी जी से जल्दी से मिलवाव….”
”अइसे थोड़ी होखेला की जे आवे ओकरा के पंडी जी से मिलवा दिहल जाव….अइसन अगर होखे लागल तब रात दिन लोग के भीड़ लागल रही…….जवन नंबर दिहल बा ओकरे पर फोन कर तबे बात होखी”.
”ए भाई देख अब त हम आ गइल बानीं….त तनीं पंडी से मिलवा ना द….हमरा के आपन ग्रह नक्षत्र ठीक करे के बा…..पता ना काहे ए घरी कुछो ठीक नइखे चलत…..हमरा लागता कि शनि के टेढ़ नजर हो गइल बा….अब त पंडीए जी बतइहें कि कइसे सबकुछ ठीक होखी…..”
यह किसी नाटक का डायलाग नहीं है बल्कि हमार टीवी के गेट पर तैनात एक गार्ड और एक दर्शक के बीच का है। जी हां, लोग टीवी पर भविष्य बताने वाले पंडितों पर इस कदर भरोसा करने लगे हैं कि लाइव शो के दौरान नंबर नहीं लगने पर दूसर दराज क इलाकों से सीधे टीवी चैनल के दफ्तर पहुंचने लगे हैं। इसी का नतीजा है कि टीवी चैनल पंडित जी की सहमति के बाद उनके निजी नंबर भी अपने स्क्रीन पर फ्लैश करते हैं।
दरअसल, धर्म –कर्म और ज्योतिष टीवी चैनलों पर खूब बिक रहा है। किसी चैनल पर आपकी समस्या के निदान के लिए कोई आचार्य जी बैठे हैं तो कहीं टैरो कार्ड के जरिये आपका भविष्य बताने के लिए कोई खूबसूरत बाला। टीवी वाले इन्हें खूब बेच रहे हैं। और ऐसा नहीं कि सिर्फ महानगरों के लोग हीं इनके दीवाने है, छोटे शहरों और कस्बों के लोग भी मीडिया पंडितो से अपने सवाल पूछने के लिए सीधे नंबर डायल करने से नहीं हिचकते।
हमार टीवी पर हाल ही में शुरु हुए कार्यक्रम जय शनिदेव ने तीन हफ्तो में हीं पूरबिया दर्शकों के बीच अपनी जबरदस्त पहचान बनाई है। शनिवार को सुबह दस बजे प्रसारित होने वाले इस लाइव शो के लिए सुबह 6 बजे से हीं काल आनी शुरु हो जाती है।
आचार्य भूषण कौशल जी महाराज जब पूरबिया दर्शकों से उनकी अपनी बोली में रुबरु होते हैं और उनकी हीं जुबान में उनकी समस्याओं का निदान बताते हैं तो दर्शकों को लगता है कि सचमुच अब उनकी समस्या का निराकरण करीब है। शायद यही वजह रहा होगा कि जब बलिया के इस दर्शक की लाइन हमार टीवी के स्टूडियो में नहीं लगी तो वो पंडित जी से सीधे रुबरु होने बलिया से ट्रेन पकड़ कर नोएडा पहुंच गया।
वाह रे…मीडिया पंडितों की माया !