‘हमारा महानगर’ के दिल्ली संस्करण में प्रकाशित सेक्सी खबर के बारे में मेरा कहना है कि हम इसे आम पारिवारिक लोगों के साथ जोड़ कर देखें तो जिस दिन ये खबर छपी होगी उस दिन इनके पाठकों ने अखबार को घर में छुपाना ही ठीक समझा होगा क्योंकि कोई ये नहीं चाहेगा की उनका बच्चा ऐसी न्यूज पढ़े। जिनके घर लड़कियां होंगी उनकी तो प्रतिक्रिया गुस्से से भरी होगी।
अगर कुल मिलाकर देखें तो ऐसी न्यूज छापने के पीछे अखबार का मकसद जानकारी देने के साथ-साथ अधिक ‘टीआरपी’ बढ़ाना भी होता है। मेरी तो यह राय है कि अखबार वालों को ऐसी बात नहीं छापनी चाहिए कि जो समाज के लिए अश्लीलता फैलाने का काम करे। अखबार घर के हर सदस्य की जरूरत होता है। इसे सुबह-सुबह हर कोई पढ़ता है। इसलिए अखबार में काम करने वाले सीनियर्स को चाहिए की वो ऐसा कुछ आगे से न छापें। अगर छापें तो उसे अन्दर के पेज पर छापें और फ्रंट पेज पर इस खबर के बारे में इंगित करें जिससे घर के बड़े लोग पहले ही समझ लें और उस पेज को बच्चों की पहुंच से दूर रख सकें।
करनवीर जोशी
महासचिव, सिटी प्रेस क्लब, संगरूर, पंजाब.