जनकवि हरीश भादाणी के निधन पर राजस्थान प्रगतिशील लेखक संघ ने गहरा शोक व्यक्त किया है। जयपुर में संघ के महासचिव प्रेमचंद गांधी ने कहा कि साहित्य जगत ने एक समर्पित, प्रतिबद्ध और लोकचिंतक कवि खो दिया है। उन्होंने कहा कि हरीश भादाणी राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए संघर्षरत अग्रिम पंक्ति के जनांदोलनकारी महान साहित्यकार थे, जिनके गीत आम अवाम के दिलोदिमाग में हमेशा गूंजते रहेंगे।
संघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. हेतु भारद्वाज ने शोक प्रकट करते हुए कहा कि हरीश भादाणी मानव मूल्यों के प्रति सजग एक ऐसे रचनाकार थे, जिन्होंने पूरा जीवन लोकसंघर्ष और साहित्य को समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि भादाणी के निधन से प्रदेश के लेखकों को व्यक्तिगत हानि हुई है, क्योंकि भादाणी जी समस्त लेखकों के प्रिय और सम्माननीय सहधर्मी लेखक थे। महासचिव प्रेमचंद गांधी ने बताया कि रविवार 4 अक्टूबर, 2009 को सायं 4 बजे राजस्थान हिंदी ग्रंथ अकादमी, झालाना सांस्थानिक क्षेत्र, जयपुर में शोक सभा कर हरीश भादाणी को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।