दिल्ली में बनेगा मराठी पत्रकारों का प्रेस क्लब : बीते दिनों दिल्ली-मराठी पत्रकार संघ का सालाना समारोह दिल्ली स्थित आईआईसीसी में आयोजित किया गया। इसमें महाराष्ट्र के कई केंद्रीय मंत्री, दोनों सदनों के सांसद, पक्ष-विपक्ष के नेता, पत्रकार शामिल हुए। समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय ऊर्जा मंत्री सुशील कुमार शिंदे थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि दिल्ली में काम करने वाले मराठी जर्नलिस्टों ने महाराष्ट्र के विकास में योगदान दिया है।
इन मराठी पत्रकारों के कारण महाराष्ट्र के नेता एकजुट होकर राज्य के विकास के लिए दिल्ली में सक्रिय भूमिका निभा पाते हैं। समारोह में अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री विलास राव देशमुख, प्रतीक पाटिल, गोपीनाथ मुंडे, अनंत गीते और उत्तम कांबले शरीक हुए। उत्तम कांबले ‘सकाल’ के ग्रुप एडिटर हैं। समारोह में विलासराव देशमुख ने अपने हाथों से सकाल से हाल ही में रिटायर हुईं वरिष्ठ पत्रकार सुरेखा टकसाल को ‘दिल्ली-मराठी पत्रकार संघ पुरस्कार’ से सम्मानित किया। संघ ने यह पुरस्कार इसी साल शुरू किया है। इसके तहत हर वर्ष किसी एक मराठी पत्रकार को मराठी पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए पुरस्कृत किया जाएगा।
‘15वीं लोकसभा से महाराष्ट्र को उम्मीदें’ विषय पर मुख्य वक्ता के रूप में उत्तम कांबले ने अपने विचार से सबको अवगत कराया। कांबले ने कहा कि महाराष्ट्र ने राजनीति के क्षेत्र में काफी विकास किया है। तभी केंद्रीय मंत्रिमंडल में शरद पवार और पृथ्वीराज समेत महाराष्ट्र के 9 मंत्री शामिल हैं। पर विकास के मद में केंद्र की तरफ से राज्य को जाने वाला फंड काफी कम है। उन्होंने मराठी पत्रकारों को सुझाव दिया कि वे सिर्फ राजनीतिक रिपोर्टिंग में ही न फंसे रहें। उन्हें राज्य के विकास से जुड़े मुद्दों पर भी जमकर लिखना चाहिए। इसी मुद्दे पर विलासराव देशमुख समेत अन्य नेताओं ने भी अपने वक्तव्य दिए। कई वक्ताओं ने महाराष्ट्र के विकास के लिए इस राज्य के नेताओं को एक साथ बिठाने पर पत्रकार संघ को धन्यवाद दिया।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में दिल्ली-मराठी पत्रकार संघ के अध्यक्ष अशोक वानखेड़े ने कहा कि संघ दिल्ली में खुद का पत्रकार भवन बनाने की योजना पर काम कर रहा है। उन्होंने सभी नेताओं से इस नेक कार्य को कराने के लिए आगे आने की अपील की। अशोक वानखेड़े ने संघ की मांगों पर महाराष्ट्र सरकार के उदासीन रवैये पर खेद जताया और कहा कि इसी कारण वे लोग अब केंद्र सरकार से मदद मांगने के लिए सोच रहे हैं। वानखेड़े ने डाक विभाग से मराठी पत्रकारिता के पितामह श्री बाल शास्त्री जांबेकर पर डाक टिकट जारी करने की भी मांग की।