आईबीएन7 ने माफी मांग ली है। बात पुरानी है लेकिन इसे नया किया संसद ने। मोहम्मद अदीब और साबिर अली के लिखित सवाल के लिखित जवाब में सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री सी एम जातुया ने संसद को बताया कि कुछ ऐसे मामले हैं जिनमें कुछ चैनलों ने पूर्व के उल्लंघनों के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने के बावजूद कार्यक्रम और विज्ञापन संहिताओं का उल्लंघन किया है। तब उन्हें नोटिस जारी कर माफी मांगने को कहा गया। उन्होंने बताया कि 28 मार्च 2007 को आईबीएन7 चैनल को ‘किस पर रोक नहीं’ नामक अश्लील कार्यक्रम का प्रसारण करने पर तीन दिन के लिए क्षमायाचना का स्क्रोल चलाने का निर्देश दिया गया था। छह जुलाई 2007 को इसी चैनल पर ‘किस्सा किस का’ नामक अश्लील कार्यक्रम का प्रसारण हुआ जिसकी वजह से चैनल को छह दिसंबर 2007 को चेतावनी जारी की गई थी। चैनल ने स्क्रोल चला कर माफी मांगी।
जातुया ने बताया कि फैशन टीवी को 13 दिसंबर 2005 को मॉडल इवा हरजिगोवा के बारे में एक अश्लील कार्यक्रम के प्रसारण के लिए 13 अप्रैल 2006 को एक सलाहपत्र जारी किया गया था। इसी चैनल को नौ अगस्त 2008 को ‘मिड नाइट हॉट’ नामक अश्लील कार्यक्रम का प्रसारण करने पर एक अप्रैल 2007 से 30 मई 2007 तक प्रतिबंध लगाने के लिए 29 मार्च 2007 को एक आदेश जारी किया गया था।
सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री जातुया ने कहा कि केबल टीवी नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम 1995 का उल्लंघन करते पाए गए चैनलों के खिलाफ केबल अधिनियम के प्रवाधानों के अनुसार कार्रवाई की जाती है। जातुया ने भाजपा के नतुजी हालाजी ठाकोर के सवाल के लिखित जवाब में बताया कि कुछ चैनलों पर प्रसारित होने वाले रियलिटी शो में अश्लील भाषा का प्रयोग करने के मामलों की सूचना मिली है।
शिवसेना के भारत कुमार राउत के सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा में सोमवार को सूचना और प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने जानकारी दी कि कलर्स चैनल को रियलिटी शो ‘बिग बॉस 3’ में अश्लील दृश्य प्रसारित करने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि ‘बिग बॉस 2’ के प्रसारण के दौरान अश्लील दृश्य के प्रसारण के लिए पहले भी कलर्स चैनल को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। इस संदर्भ में चैनल को तीन जून 2009 को एक सलाहपत्र जारी किया गया था जिसमें उसे केबल टीवी नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम 1995 और उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के तहत निर्धारित कार्यक्रम संहिता के प्रावधानों का कड़ाई से पालन करने की सलाह दी गई थी।
सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री सी एम जातुया ने राउत के ही सवाल के लिखित जवाब में बताया कि ‘ना आना इस देस लाडो’ नामक धारावाहिक के लिए भी कलर्स चैनल को 29 अक्टूबर 2009 को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया गया था। जातुया ने बताया कि इस धारावाहिक में जिला मजिस्ट्रेट के चरित्र चित्रण के माध्यम से जिला प्रशासन का मजाक उड़ाने की बात पाई गई थी। इससे केबल टीवी नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम 1995 और उसके तहत बनाए गए नियमों के अंतर्गत निर्धारित कार्यक्रम संहिता का उल्लंघन होता प्रतीत हुआ।