हिंदी अखबारों में नई दुनिया को सबसे ज्यादा फायदा मिला है। आईआरएस (राउंड वन-2009) के आंकड़े बताते हैं कि इस अखबार की संपूर्ण रीडरशिप 42.35 प्रतिशत बढ़ी है। आईआरएस (राउंड दो-2008) के पिछले आंकड़े इस अखबार की टोटल रीडरशिप 2,345,000 बताते हैं तो इस बार के आंकड़े नई दुनिया की संपूर्ण रीडरशिप 3,338,000 करार देते हैं। मतलब, नई दुनिया को लगातार दो आईआरएस के बीच रीडरशिप में 993,000 का फायदा मिला है। हिंदी अखबारों में फायदे के हिसाब से नंबर दो की पोजीशन पर हरिभूमि है। इस अखबार को 7.68 फीसदी का फायदा मिला है। लाभ में रहने वाला तीसरा हिंदी अखबार है नवभारत टाइम्स। इसे टोटल रीडरशिप में 4.37 प्रतिशत का मुनाफा हुआ है। रीडरशिप में लाभ में रहने वाला चौथा अखबार हिंदुस्तान है।
हिंदुस्तान को 0.51 फीसदी की बढ़त मिली है। उल्लेखनीय यह है कि टाप थ्री हिंदी अखबारो को रीडरशिप में इस बार घाटा उठाना पड़ा है तो चौथे पोजीशन के अखबार हिंदुस्तान को फायदा मिला है। हिंदुस्तान के बाद फायदा पाने वाला हिंदी अखबार नागपुर का लोकमत समाचार है। लोकमत ग्रुप के इस हिंदी अखबार को 5.56 फीसदी का फायदा रीडरशिप में इस बार मिला है। राजस्थान के अखबार दैनिक नवज्योति के लिए भी खुशखबरी है। इस अखबार को 7.28 फीसदी का फायदा हुआ है।
टोटल रीडरशिप में वृद्धि करने वाले देश के सभी भाषाओं के 50 अखबारों-पत्रिकाओं के नाम, फायदे का क्रम, टोटल रीडरशिप के तुलनात्मक आंकड़े और अंकों व प्रतिशत में मुनाफा इस प्रकार है-