नई दुनिया अखबार ने इंडियन रीडरशिप सर्वे (आईआरएस) 2008 राउंड वन की रिपोर्ट को चुनौती दे दी है। इस संबंध में उसकी तरफ से दायर याचिका को स्वीकार करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने मीडिया रिसर्च यूजर्स कौंसिल (एमआरयूसी) और अन्य को नोटिस जारी किया है। याचिका में नई दुनिया मीडिया की तरफ से कहा गया है कि एमआरयूसी की तरफ से जारी आईआरएस 2008 राउंड वन की रिपोर्ट में भ्रामक तथ्य और आंकड़ें हैं। ऐसा बिना उचित प्रणाली के किए गए कार्य के चलते हुआ है। नई दुनिया मीडिया ने सवाल किया है कि अगर उसके अखबार का प्रसार संख्या बढ़ी है तो पाठक संख्या किस तरह घट गई, जैसा कि आईआरएस रिपोर्ट में दर्शाया गया है। नई दुनिया मीडिया से याचिका में कहा गया है कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में पांच जगहों से प्रकाशित होने वाले हिंदी दैनिक नई दुनिया को इन भ्रामक तथ्यों और आंकड़ों के चलते अपूरणीय क्षति उठानी पड़ी है।
इस याचिका को हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए एमआरयूसी और अन्य को नोटिस जारी कर दिया है। नई दुनिया मीडिया प्रबंधन से जुड़े लोगों का कहना है कि कोर्ट में जाने जैसा कदम थक हार कर उठाना पड़ा है। इससे पहले आईआरएस की रिपोर्ट आते ही एमआरयूसी को कानूनी नोटिस भेजा गया था जिसको उन लोगों ने गंभीरता से नहीं लिया। इसके अलावा मामले को कई अन्य मंचों से भी उठाया गया पर किसी ने इस पर कान नहीं दिया। आखिरकार प्रिंट मीडिया के व्यापक हित को देखते हुए इस मुद्दे को हाईकोर्ट में ले जाना पड़ा है। उधर, एमआरयूसी के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें अभी तक हाईकोर्ट की तरफ से कोई नोटिस नहीं मिला है। साथ ही यह भी कहा कि नई दुनिया की तरफ से शुरू में जो नोटिस भेजा गया था उसका जवाब शीघ्रता के साथ दिया गया था।