आईआरएस 2010, क्यू-2 की रिपोर्ट को सभी अखबारों ने अपने-अपने हिसाब से एनालाइज किया है. हिंदुस्तान अखबार में प्रकाशित खबर में इसे बिहार और झारखंड का नंबर वन अखबार बताया गया है. खबर के मुताबिक- ”बिहार में भी हिंदुस्तान ने अपना वर्चस्व कायम रखा है. राज्य में यह अखबार लगातार नंबर 1 की कुर्सी पर बरकरार है. झारखंड में 14.69 लाख की रिकॉर्ड दैनिक रीडरशिप के साथ इस बार भी हिन्दुस्तान नंबर 1 पर है। अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से करीब 4.5 लाख ज्यादा पाठकों के साथ हिन्दुस्तान के हिस्से में राज्य के कुल पाठकों में से 58 प्रतिशत आते हैं।”
उत्तर प्रदेश के बारे में हिंदुस्तान में कहा गया है कि सबसे तेजी से बढ़ते अखबार हिन्दुस्तान ने आईआरएस 2010 के पहले दौर की औसत दैनिक रीडरशिप के मुकाबले 12 प्रतिशत विकास दर दर्ज की है. इस सबमें खास बात यह है कि आईआरएस सर्वे वर्ष 2010 के पहले दौर के मुकाबले हिन्दुस्तान से 3.23 लाख नए पाठक जुड़े हैं. हिन्दुस्तान ने आईआरएस के पिछले छह परिणामों में सभी में वृद्धि दर्ज की है. इसी तरह पर्वतीय राज्य उत्तराखंड के बारे में खबर में कहा गया है कि हिंदुस्तान अखबार ने शीर्ष 3 हिन्दी दैनिकों में से अधिकतम 4 प्रतिशत की विकास दर दर्ज की है. इस राज्य में पाठक संख्या 1.9 लाख तक पहुंच चुकी है.
हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के मुताबिक, हिन्दुस्तान देश का तीसरा सबसे बड़ा अखबार बने रहने के साथ ही एक करोड़ पाठक परिवार वाला दैनिक हो गया है. हिन्दुस्तान उन कुछ हिन्दी अखबारों में से एक है, जिसने अपनी विकास की गति को बरकरार रखा है. हिन्दुस्तान ने एक और कीर्तिमान स्थापित किया है. इसकी कुल पाठक संख्या में 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. सर्वे के मुताबिक, हिन्दुस्तान ने आईआरएस 2010, क्यू-1 के मुकाबले इस अवधि में 2.3 प्रतिशत विकास दर हासिल की है. इस अवधि में हिंदुस्तान ने 2.2 लाख दैनिक पाठक जोड़े हैं. हिन्दुस्तान एक ऐसा अखबार है, जिसने आईआरएस के पिछले छह दौर में हर बार वृद्धि दर्ज की है.
sachkaha
August 27, 2010 at 10:44 am
Jai Hindustan ! par aap log stringer ka khoon khatmal ki tarah chus ahey hai ye achhi baat nahi hai