दैनिक जागरण को प्रकाशित करने वाली कंपनी जागरण प्रकाशन लिमिटेड ने बीते साल के नफे-नुकसान का आंकड़ा जारी कर दिया है। कंपनी ने 2008-2009 के वित्तीय वर्ष में कुल 91.63 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है जो पिछले साल से सात फीसदी कम है। इसके पिछले वित्तीय वर्ष (2007-2008) में जागरण को 98.12 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। हालांकि कंपनी की कुल आय में वृद्धि हुई है। बीते वित्तीय वर्ष (2008-09) में कंपनी की कुल आय बढ़कर 823.37 करोड़ रुपये हो गई है जो इसके पहले वाले वित्तीय साल में 749.63 करोड़ रुपये थी।
अगर तिमाही के हिसाब से बात करें तो जागरण को बीते वित्तीय वर्ष के अंतिम चौथे तिमाही में 21.81 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ जो इसके ठीक पहले वाले साल के इसी अंतिम चौथी तिमाही के लाभ से 41 फीसदी ज्यादा है। बीते वित्तीय वर्ष से ठीक पहले वाले वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही में जागरण को 15.48 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था। अंतिम चौथी तिमाही में कंपनी की कुल आय में वृद्धि हुई है और यह 190.01 करोड़ रुपये से बढ़कर 201.25 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। जागरण प्रकाशन ने दो रुपये समान कीमत वाले प्रति शेयर पर सौ फीसदी अंतिम लाभांश देने की सिफारिश भी की है।
16 जून 2009 को कानपुर में जागरण प्रकाशन के निदेशक मंडल की हुई बैठक में कंपनी की माली हालत की रिपोर्ट को अंतिम रूप देकर बाम्बे स्टाक एक्सचेंज (बीएसई) के पास भेजा गया। बैठक के बाद जागरण समूह ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बीते वित्तीय वर्ष के नफा-नुकसान का विवरण पेश किया है। साथ ही बोर्ड की बैठक के बाद जारी रिपोर्ट की प्रति भी संलग्न है। इन्हें पढ़ने के लिए क्लिक करें- जागरण की बीते वित्तीय साल की बैलेंसशीट