‘गुड्डी’ फिल्म की चुलबुली, शोख जया बच्चन इन दिनों नाराज लगती हैं। शुक्रवार को दिल्ली की मीडिया को बार-बार उनके गुस्से का शिकार होना पड़ा। मौका था इंडियन वूमन प्रेस कोर परिसर में मीडिया से मुलाकात का प्रेस कान्फ्रेंस शुरू होने के कुछ पलों के अंदर ही जया बच्चन उनसे पूछे जा रहे सवालों से खफा हो गईं। रही-सही कसर एक रिपोर्टर का मोबाइल फोन बजने से पूरी हो गई। बस फिर क्या था? उन्होंने रिपोर्टर को वहां से चले जाने को कह दिया। उनकी दूसरी शिकायत सवालों को लेकर थी। जया बच्चन ने वहां मौजूद पत्रकारों को फरमान जारी कर दिया कि न तो वे अभिताभ बच्चन से जुड़े सवालों का जवाब देंगी, न मुलायम सिंह यादव से जुड़े सवालों का।
जया का कहना था कि सवाल केवल उनसे जुड़े होने चाहिए। चाहे वह उनके कपड़ों, उनके मोटापे और उनके बालों पर ही क्यों न हों। एक वरिष्ठ महिला पत्रकार उनके गुस्से का शिकार केवल इसलिए हो गई क्योंकि वह सवाल पूछते वक्त ‘जी’ लगाना भूल गईं। खैर, गुस्से के बावजूद उन्होंने कुछ सवालों पर खुलकर जवाब दिया। कुछ देर के लिए उनके चेहरे पर मुस्कान भी खिल उठी। मगर तभी सामने की पंक्ति में बैठी दो पत्रकारों को एसएमएस करता देख उनका पारा चढ़ गया। उन्होंने झट टिप्पणी कर दी कि ये दोनों मेरी बात सुनने के बजाय बॉस से एसएमएस पर मिसेज बच्चन के लिए सवाल पूछ रही हैं।
बहरहाल, जया बच्चन ने इस बीच साफ किया कि अभिताभ बच्चन से सी-लिंक कार्यक्रम में जाने पर विवाद बेमानी है। वह आयोजक का निमंत्रण मिलने पर गए थे। हर कार्यक्रम को राजनीति के नजरिए से नहीं देखा जा सकता, कलाकार किसी पार्टी या प्रदेश का नहीं होता। उन्होंने मुलायम सिंह यादव के चर्चित सीटी वाले बयान का भी बचाव किया। जया का कहना था कि मुलायम सिंह के इस बयान का मकसद केवल बहस शुरू करना था। अमर सिंह का सपा से विदा होना उन्हें खल रहा है। लेकिन जया ने जोड़ा कि वह सपा की सदस्य हैं और अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर फिलहाल उनकी कोई योजना नहीं है।
दैनिक भास्कर में स्मिता मिश्रा की रिपोर्ट
s shukla
March 27, 2010 at 2:22 pm
itna gussa sehat ke liye theek nahi hai:)[quote][/quote]