Connect with us

Hi, what are you looking for?

कहिन

जब पत्रकार नेता बन जाता है !

डा. प्रवीण तिवारीशौरी साहब को निकालनी पड़ी अपनी भड़ास : विशेषज्ञों का पत्रकारिता में आना एक परंपरा रही है और ये विशेष विषयों की पत्रकारिता के लिए अच्छा भी रहा है। चाहे इन विषयों में राजनीति ही क्यों न रही हो। महात्मा गांधी की पत्रकारिता भी इसी तरह की थी, वो मीडिया की ताक़त जानते थे और इसका असर भी। ऐसे कई नेताओं के उदाहरण हैं जिन्होंने सफल पत्रकारिता भी की। लेकिन बदलते वक़्त के साथ ये परंपरा बदली है। पहले राजनीतिज्ञ पत्रकारिता करते थे अब पत्रकार राजनीति करते हैं। वैसे नेता बनने के बावजूद पत्रकार की राजनीति विचार और लेखों की राजनीति ही रहती है। ऐसे कई उदाहरण हैं जो पत्रकारों की राजनैतिक महत्वाकांक्षा पूरी होने की कहानी बयां करते हैं। लेकिन यहां मैं सबसे ताज़ा मामले पर आपकी तवज्जो चाहूंगा। आदरणीय अरुण शौरी कितने बेहतरीन पत्रकार रहे हैं ये किसी से छिपा नहीं लेकिन वो राजनीति में पत्रकारिता के इस्तेमाल का भी बेहतरीन उदाहरण हैं।

डा. प्रवीण तिवारी

डा. प्रवीण तिवारीशौरी साहब को निकालनी पड़ी अपनी भड़ास : विशेषज्ञों का पत्रकारिता में आना एक परंपरा रही है और ये विशेष विषयों की पत्रकारिता के लिए अच्छा भी रहा है। चाहे इन विषयों में राजनीति ही क्यों न रही हो। महात्मा गांधी की पत्रकारिता भी इसी तरह की थी, वो मीडिया की ताक़त जानते थे और इसका असर भी। ऐसे कई नेताओं के उदाहरण हैं जिन्होंने सफल पत्रकारिता भी की। लेकिन बदलते वक़्त के साथ ये परंपरा बदली है। पहले राजनीतिज्ञ पत्रकारिता करते थे अब पत्रकार राजनीति करते हैं। वैसे नेता बनने के बावजूद पत्रकार की राजनीति विचार और लेखों की राजनीति ही रहती है। ऐसे कई उदाहरण हैं जो पत्रकारों की राजनैतिक महत्वाकांक्षा पूरी होने की कहानी बयां करते हैं। लेकिन यहां मैं सबसे ताज़ा मामले पर आपकी तवज्जो चाहूंगा। आदरणीय अरुण शौरी कितने बेहतरीन पत्रकार रहे हैं ये किसी से छिपा नहीं लेकिन वो राजनीति में पत्रकारिता के इस्तेमाल का भी बेहतरीन उदाहरण हैं।

जो बात बीजेपी की चिंतन बैठक में नहीं कही, जो बात अपने सहयोगियों के साथ कई मुलाक़ातों में नहीं कही वो एक अख़बार में लिख डाली। मक़सद क्या था शौरी साहब का? मक़सद था इसका असर और अपनी ताक़त बताना। राज्यसभा के चुनाव नज़दीक हैं और अगर आपको फिर से राज्यसभा में बैठना है तो अपनी अहमियत तो बतानी ही होगी।

वैसे जो शिकायतें शौरी साहब ने दर्ज करवाई उनमें एक पार्टी परंपरा के ख़िलाफ़ जाकर अरुण जेटली को तीसरी बार राज्यसभा में ऐंट्री देना भी है। यहां उनका मक़सद पार्टी को परंपरा याद दिलाना तो क़तई नहीं था बल्कि ये बताना था कि हार के ज़िम्मेदार को तीसरी बार मौक़ा और हमसे दूसरी बार में ही आनाकानी हो रही है। शौरी साहब के अंदर सोया हुआ पत्रकार जागा, उन्होंने एक सम्मानित अख़बार में अपनी भड़ास निकाली, एक प्रतिष्टित चैनल में एक अन्य बड़े पत्रकार को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया। मीडिया में उथल-पुथल मच गई, और पार्टी के उन नेताओं को जो शौरी साहब के राज्यसभा में जाने को लेकर गंभीर नहीं थे उनकी ताक़त का अहसास हुआ।

एक पत्रकार की ताक़त देखकर अच्छा लगता है, लेकिन पत्रकारिता का राजनीति के लिए इस्तेमाल देखकर बुरा लगता है। अपने निजी हितों को साधने के लिए एक बड़े पत्रकार ने मीडिया का इस्तेमाल किया और ऐसा सिर्फ़ उन्होंने नहीं किया तमाम नेता करते है। इसके लिए नेताओं और राजनैतिक दलों के अलग-अलग मीडिया हॉउसेस से संबंधों के क़िस्से जगज़ाहिर हैं। लेकिन एक पत्रकार जो अब नेता बन गया वो अपने बीते प्रोफ़शन का इस्तेमाल दोबारा नेतागीरी चमकाने के लिए करे, ये नैतिकता के ख़िलाफ़ लगता है। ये पत्रकार कम नेता कई अन्य पत्रकारों के प्रेरणा स्तोत्र हैं और इन्ही के नक्शे क़दम पर चलते हुए, इन नए पत्रकारों ने भी अपनी ’कैंपेनिंग’ शुरू कर दी है। ज़ाहिर है पत्रकारिता पर इसके दुष्प्रभाव होंगे या हो रहे जो हम सबके सामने हैं। या तो पत्रकारिता करें या राजनीति, अपने हितों के लिए राजनीति की पत्रकारिता करना इसके मूल्यों को गिराना है।


लेखक डा. प्रवीण तिवारी लाइव इंडिया न्यूज चैनल में एंकर और प्रोड्यूसर हैं। इनसे संपर्क करने के लिए 09871996116 या  [email protected] का सहारा ले सकते हैं।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अपने मोबाइल पर भड़ास की खबरें पाएं. इसके लिए Telegram एप्प इंस्टाल कर यहां क्लिक करें : https://t.me/BhadasMedia

Advertisement

You May Also Like

Uncategorized

भड़ास4मीडिया डॉट कॉम तक अगर मीडिया जगत की कोई हलचल, सूचना, जानकारी पहुंचाना चाहते हैं तो आपका स्वागत है. इस पोर्टल के लिए भेजी...

Uncategorized

भड़ास4मीडिया का मकसद किसी भी मीडियाकर्मी या मीडिया संस्थान को नुकसान पहुंचाना कतई नहीं है। हम मीडिया के अंदर की गतिविधियों और हलचल-हालचाल को...

टीवी

विनोद कापड़ी-साक्षी जोशी की निजी तस्वीरें व निजी मेल इनकी मेल आईडी हैक करके पब्लिक डोमेन में डालने व प्रकाशित करने के प्रकरण में...

हलचल

[caption id="attachment_15260" align="alignleft"]बी4एम की मोबाइल सेवा की शुरुआत करते पत्रकार जरनैल सिंह.[/caption]मीडिया की खबरों का पर्याय बन चुका भड़ास4मीडिया (बी4एम) अब नए चरण में...

Advertisement