ग्वालियर से देर से मिली सूचना के मुताबतिक 17 अक्टूबर की देर रात नई दुनिया अखबार के तीन पत्रकारों ब्रजमोहन शर्मा, अर्पण राउत और कपिल शर्मा पर कुछ हथियारबंद बदमाशों ने हमला बोल दिया। ये तीनों पत्रकार कार से दिवाली के एक कार्यक्रम में शरीक होने जा रहे थे। तानसेन रोड पर गाटर वाली पुलिया के पास गाड़ी निकालने को लेकर कुछ युवकों से कहासुनी हुई। इसके बाद हथियारबंद युवकों ने तीनों पत्रकारों की बुरी तरह पिटाई की। रिपोर्टर ब्रजमोहन शर्मा को काफी चोटें आई हैं और उनकी हालत चिंताजनक बनी हुई है। सूत्रों के मुताबिक पत्रकार और पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे तो कार बैठे दो बदमाश मिल गए। इन दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। शेष दो बदमाश फरार हैं।
इस पूरे मसले पर ग्वालियर के एक पत्रकार ने भड़ास ब्लाग पर अपनी पीड़ा का बयान कुछ इस तरह किया है- ‘पत्रकार दुनिया के लिए लडाई लड़ता है, लेकिन अपने लिए क्यों नही? अभी दीपावली के दिन कुछ पत्रकारों पर असामाजिक तत्वों ने हमला कर दिया। लेकिन मजाल है कि किसी अखबार ने कुछ छापा हो। उल्टा, कई लोग इसी पर राजनीति करने लगे हैं। कोई कह रहा है कि पत्रकारों ने शराब पीकर हंगामा किया था। कोई कहता है कि हफ्ता वसूली करने गए होंगे। अरे, मैं तो कहता हूं कि कुछ भी वहां पर हुआ हो, तो क्या इससे किसी को कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार मिल जाता है। मैं तो यही कहूंगा कि जो हुआ, गलत हुआ। आज तीन पत्रकार असामाजिक तत्वों के शिकार हुए हैं। कल 300 होंगे और परसों 3000 होंगे। इसके लिए सभी पत्रकारों को आवाज उठाना चाहिए। लेकिन ग्वालियर की पत्रकारिता में जितनी राजनीति है, उतनी शायद ही कहीं हो। जागो पत्रकार जागो। अभी भी समय है।’