रायपुर में राजनीतिक संरक्षण प्राप्त गुंडों का बोलबाला है. पहले इन गुंडों के निशाने पर आम जनता थी. अब इनके हाथ मीडियाकर्मियों तक पहुंच चुके हैं. ताजा उदाहरण देखने को मिला मंगलवार की रात. इन गुंडों ने ईटीवी के कैमरामैन फैजान अहमद औऱ वीडियो एडिटर मुकेश को निशाना बनाया. पहले तो इन लोगों ने पैदल अपने रूम की ओर जाते कैमरामैन और वीडियो एडिटर को जानबूझकर अपनी गाड़ी से टक्कर मारी.
जब इन मीडियाकर्मियों ने ऐतराज जताया तो ये राजनीतिक संरक्षण प्राप्त गुंडे इन पर पिल पड़े और जमकर धुनाई कर दी. इनमें से जैसे-तैसे एक राजनीतिक संरक्षण प्राप्त गुंडे को वहां पहुँचे कुछ मीडियाकर्मियों ने पकड़ लिया. लेकिन दो भागने में सफल हो गए. फरार दो लोगों को पुलिस द्वारा पकड़े जाने के पहले ही राजनीतिक दाव-पेंच लगाए जा रहे हैं.
राजधानी के भीड़भाड़ वाले इलाके पंडरी में सड़क पर दौड़ा-दौड़ा कर मीडियाकर्मियों गुंडों ने पिटाई की तब वहां के लोग मूकदर्शक बन तमाशा देखते रहे. वहां से गुजरते वक्त दूसरे चैनल के कुछ कर्मियों ने यह सब देखा तो बीच-बचाव करने की कोशिश की. लेकिन राजनीतिक संरक्षण प्राप्त गुडों का कहर उन पर भी बरसा. जब इन लोगों ने अपने को प्रेस से बताया तो गुंडे लोग प्रेस का नाम सुनकर और भड़क गए. अनाप-सनाप बोलते हुए उन पर पिल पड़े. करीब आधे घंटे तक यह सारा घटनाक्रम वहां होता रहा लेकिन जनता की रखवाली पुलिस को बार-बार इसकी सूचना देने पर हमेशा की तरह लेटलतीफ ही पहुंची. तब तक दो गुंडे वहां से भाग निकले. जब मीडिया के लोगों का जमावड़ा वहां हुआ तो जैसे-तैसे गुड्डा नाम का युवा कांग्रेसी पकड़ा गया. निजी चैनल के कैमरामैन फैजान अहमद और वीडियो एडिटर मुकेश को गंभीर चोटें आई हैं.
हमले की रायपुर की मीडिया के लोगों ने कड़ी भर्त्सना की है और राजनीतिक संरक्षण प्राप्त गुंडों पर लगाम लगाने की मांग की है. पुलिस के आला अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है. इस हमले से मीडिया के लोग डरे हुए हैं. इनका कहना है कि जब जनता की बात रखने वाले ही सुरक्षित नहीं हैं तो आम जनता की सुरक्षा का क्या हाल होगा.