नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश) नगर के पत्रकार प्रशांत तिवारी डल्लू का 18 दिसंम्बर की रात लगभग 9.30 बजे भोपाल में निधन हो गया। वे भोपाल में अपने एक रिश्तेदार की कार से चेतक ब्रिज पर उतर रहे थे कि तभी तेज गति से आती मिनी बस ने टक्कर मार दी। इससे घटनास्थल पर ही उनका निधन हो गया। प्रशांत की मौत की खबर सुनकर लोग स्तब्ध रह गये। शहर के हर गली चौराहे पर सारे दिन इसी बात की चर्चा होती रही। उनके निवास पर सांत्वना देने वालों की भीड़ रही।
37 वर्षीय प्रशांत तिवारी सेवानिवृत्त एसडीओ श्री शरद तिवारी व शिक्षिका श्रीमति आशा तिवारी के इकलौते पुत्र एवं शिक्षिका श्रीमति विनीता पांडे के भाई थे। स्व. डल्लू तिवारी के निधन पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित जिले के सभी पत्रकारों एवं विभिन्न संस्थाओं व राजनैतिक दलो ने गहरा दुख व्यक्त किया। स्व. डल्लू तिवारी अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गये हैं। सभी लोगों ने दिवंगत आत्मा की शांति के साथ शोक संतृप्त परिवार को इस गहन दुख को सहन करने की क्षमता देने की ईश्वर से प्रार्थना की है। पत्रकारों से भेंट के दौरान प्रशांत के शोकाकुल परिवार के लिए हरसंभव शासकीय मदद देने का आश्वासन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने दिया है।
स्व. प्रशांत तिवारी अनेक विधाओं में पारंगत थे। श्री तिवारी ऐसे व्यक्तित्व के धनी थे कि जिन पर हरफनमौला होने की बात एकदम सटीक बैठती है। वे इलेक्ट्रानिक व प्रिंट मीडिया में समान अधिकार रखते थे। उन्होंने दैनिक जागरण, स्वतंत्र मत, नवभारत, हिन्दुस्तान टाइम्स, मार्निंग एसटी और ईटीवी न्यूज एमपी के लिए अपनी सेवाएं दीं। वर्तमान में वह भास्कर टीवी, नरिंसहपुर में कार्यरत थे। प्रशांत तिवारी विभिन्न रचनात्मक सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से सामाजिक सेवा एवं राजनैतिक क्षेत्र में भी सक्रिय थे।
डॉ हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय सागर से उच्च शिक्षा प्राप्त प्रशांत जहां सफल पत्रकार थे वहीं रंगकर्म विद्या में गहरी रुचि रखते थे। स्व. तिवारी रामलीला, मजमा नाट्य संस्था एवं कई नाट्य संस्थाओं के माध्यम से अपने सशक्त भावपूर्ण अभिनय से लोगों का दिल जीत लेते थे। यही वजह है कि उन्हें लोग पत्रकार के अलावा रंगकर्मी भी कहते थे। उनका ड्राइंग में भी अच्छा खासा दखल था। एक स्थानीय चौनल में बहुचर्चित ‘आपकी अपनी बात’ कार्यक्रम का एंकर बनकर उस कार्यक्रम को सर्वाधिक लोकप्रिय और प्रभावी बनाया था। हरदिल अजीज डल्लू तिवारी बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के धनी रहे।
नरसिंहपुर से राजेश रंजन की रिपोर्ट