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दुख-दर्द

वरिष्ठ पत्रकार की देह मेडिकल कालेज को दान

मशहूर पत्रकार, लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता थेरुवथ रमन का रविवार को निधन हो गया। वे 93 वर्ष के थे। ज्यादा उम्र हो जाने के चलते होने वाले रोगों से जूझ रहे थेरुवथ रमन को एक हफ्ते पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था। थेरुवथ रमन की इच्छा के अनुरूप उनके शव को कोझीकोड मेडिकल कालेज के एनाटामी विभाग को दान दे दिया गया। परिवार में पत्नी और दो पुत्रियां हैं। करीब छह दशक तक कोझीकोड के सांस्कृतिक और पत्रकारीय जगत में सक्रिय भूमिका निभाने वाले रमन केरल प्रदेश में मलयालम भाषा में शाम के अखबार के कान्सेप्ट के जन्मदाता और पहले मलयालम सांध्य दैनिक ‘प्रदीपम’ के संस्थापक संपादक थे।

<p align="justify">मशहूर पत्रकार, लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता थेरुवथ रमन का रविवार को निधन हो गया। वे 93 वर्ष के थे। ज्यादा उम्र हो जाने के चलते होने वाले रोगों से जूझ रहे थेरुवथ रमन को एक हफ्ते पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था। थेरुवथ रमन की इच्छा के अनुरूप उनके शव को कोझीकोड मेडिकल कालेज के एनाटामी विभाग को दान दे दिया गया। परिवार में पत्नी और दो पुत्रियां हैं। करीब छह दशक तक कोझीकोड के सांस्कृतिक और पत्रकारीय जगत में सक्रिय भूमिका निभाने वाले रमन केरल प्रदेश में मलयालम भाषा में शाम के अखबार के कान्सेप्ट के जन्मदाता और पहले मलयालम सांध्य दैनिक 'प्रदीपम' के संस्थापक संपादक थे।</p>

मशहूर पत्रकार, लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता थेरुवथ रमन का रविवार को निधन हो गया। वे 93 वर्ष के थे। ज्यादा उम्र हो जाने के चलते होने वाले रोगों से जूझ रहे थेरुवथ रमन को एक हफ्ते पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था। थेरुवथ रमन की इच्छा के अनुरूप उनके शव को कोझीकोड मेडिकल कालेज के एनाटामी विभाग को दान दे दिया गया। परिवार में पत्नी और दो पुत्रियां हैं। करीब छह दशक तक कोझीकोड के सांस्कृतिक और पत्रकारीय जगत में सक्रिय भूमिका निभाने वाले रमन केरल प्रदेश में मलयालम भाषा में शाम के अखबार के कान्सेप्ट के जन्मदाता और पहले मलयालम सांध्य दैनिक ‘प्रदीपम’ के संस्थापक संपादक थे।

आजादी के आंदोलन के दौरान एक संपादकीय लिखने के कारण रमन को छह महीने तक जेल में रहना पड़ा। तब वे कहालम नामक साप्ताहिक अखबार में एडिटर हुआ करते थे। उससे पहले वे साहित्य कहालम के एडिटर थे। कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के सदस्य रह चुके रमन को ढेर सारे पुरस्कार मिले, जिनमें कुछ प्रमुख हैं- केसरी एवार्ड, गियांट आउटस्टैंडिंग पर्सनाल्टी एवार्ड, कोरियन प्रेस सेंटर एवार्ड। रमन साहब ने कई किताबें भी लिखीं। इनमें से कुछ के नाम हैं- ‘बुद्ध चरिथम’, ‘जय प्रकाश’, ‘नेताजी’, ‘जय हिंद’, ‘सुप्रभातम’ आदि। वे स्माल न्यूजपेपर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष, इंडियन स्माल एंड मीडियम न्यूजपेपर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष, सीनियर सिटीजन के संस्थापक अध्यक्ष और सेंट्रल कारपोरेटिव बैंक के निदेशक रहे।

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