महिला की बिक्री से संबंधित खबर दिखाने पर शासन सक्रिय : डीएम की जांच रिपोर्ट ने खबर को गलत बताया : आईबीएन7 के उत्तर प्रदेश के ब्यूरो चीफ शलभ मणि त्रिपाठी के खिलाफ झांसी के एक थाने में एससी-एसटी एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज करा दिया गया है। यह एफआईआर लखनऊ के वरिष्ठ नौकरशाहों के निर्देश के बाद झांसी के एसएसपी ने एक महिला को आगे कर दर्ज कराया है। इस महिला के बारे में आईबीएन7 पर खबर प्रसारित की गई थी कि उसे गरीबी के चलते बेचा गया है। सूत्रों के मुताबिक शलभ मणि त्रिपाठी ने झांसी से एक स्टोरी की थी। इसे आईबीएन7 पर 5 सितंबर को प्रमुखता से दिखाया गया।
इस स्टोरी में बताया गया है कि झांसी में गरीबी के कारण लोग अपनी औरतों को बेच रहे हैं। खबर के प्रसारित होते ही यूपी सरकार हरकत में आ गई। शासन ने मामले की जांच के लिए झांसी के डीएम के नेतृत्व में एक जांच समिति बना दी। लखनऊ से महिला आयोग की भी एक टीम झांसी पहुंच गई। जांच समिति ने अपनी जो रिपोर्ट मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव के पास प्रेषित की है, उसमें कहा गया है कि आईबीएन7 पर दिखाई गई स्टोरी निराधार है। इस रिपोर्ट के मिलने पर शासन ने निर्देश दिया कि जिस महिला पर खबर बनाई गई है, उसी से संबंधित रिपोर्टर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करई जाए। झांसी के एसएसपी ने खबर में पीड़ित बताई गई महिला को आगे कर शलभ मणि त्रिपाठी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दिया।
लखनऊ के टीवी जर्नलिस्टों का कहना है कि माया सरकार के इशारे पर जांच रिपोर्ट सरकार के हक में और पत्रकारों के खिलाफ तैयार की गई है। सिस्टम और सरकार जिन लोगों का है, उन्हें अपने अनुकूल रिपोर्ट तैयार कराने में कितना वक्त लगता है। पत्रकार कह रहे हैं कि स्टोरी में जो कुछ दिखाया-बताया गया है, उसके सारे प्रमाण मौजूद हैं। इस बीच, सूचना है कि कुछ पुलिसवाले शलभ मणि त्रिपाठी के गोरखपुर स्थित आवास पर पहुंचे और परिजनों से शलभ के बारे में पूछताछ की। उधर, लखनऊ में टीवी जर्नलिस्टों ने एक बैठक कर माया सरकार के पत्रकार विरोधी रवैए की निंदा की और पत्रकारों को झूठे मामलों में फंसाने के खिलाफ संघर्ष करने का आह्वान किया। यूपी प्रेस मान्यता समिति ने भी एक बैठक कर मुकदमा स्पंज करने और पत्रकार पर मुकदमा लिखाने वाले अफसरों को दंडित करने की मांग की है। समिति का कहना है कि आईबीएन पर जो स्टोरी प्रसारित की गई, उसके प्रमाण मौजूद हैं और इसको लेकर वरिष्ठ अधिकारियों से जल्द मिला जाएगा।
उधर, कुछ लोगों ने भड़ास4मीडिया को मेल भेज कर सूचित किया है कि जिस महिला को पीड़ित बताकर आईबीएन7 पर स्टोरी चलाई गई, उसी महिला ने खुद को बेचे जाने की खबर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। महिला ने रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद कहा कि उसे किसी ने नहीं बेचा। वह अपनी मर्जी से छह साल से अपने पति को छोड़कर दूसरे व्यक्ति के साथ रह रही है। वह जिसके साथ रह रही है, उससे तीन साल की बेटी भी है। मेल में कहा गया है कि महिला जिस जनजाति की है, उस जनजाति की परंपरा की अनदेखी कर खबर तैयार की गई और इसे सनसनीखेज तरीके से प्रस्तुत किया गया।
बी4एम ने शलभ का पक्ष जानने के लिए फोन किया तो उन्होंने बताया कि वे इसी मुद्दे पर बुलाई गई पत्रकारों की एक बैठक में शरीक हैं। उन्होंने संक्षिप्त बातचीत में अपनी खबर को पूरी तरह सही बताया। शलभ के मुताबिक सरकार दुर्भावनावश उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है।