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दुख-दर्द

दिवंगत पत्रकार के बेसहारा बच्चों की मदद करें

जिला पत्रकार संघ, गिरिडीह (झारखंड) की तरफ से भड़ास4मीडिया को एक पत्र भेजा गया है। इसमें दैनिक जागरण, गिरिडीह के दिवंगत पत्रकार रतन पांडेय के परिजनों की मदद करने के लिए देश भर के मीडियाकर्मियों से अपील की गई है। पत्र में जो कुछ कहा गया है, उसे यहां पूरा का पूरा प्रकाशित किया जा रहा है- ‘झारखंड राज्य अंतर्गत गिरिडीह जिला में विगत 15 वर्षों से पत्रकारिता कर रहे रतन पांडेय की सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी है। 8 सितंबर को रांची रिम्स में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी। उनके पांच छोटे-छोटे बच्चे हैं। दिवंगत रतन पांडेय ने पहले कई दैनिक अखबारों में कार्य किया। बाद में जब दैनिक जागरण अखबार की झारखंड में वर्ष 2003 में स्थापना हुई, तभी से ये दैनिक जागरण अखबार से जुड़ गये और अंत तक जुड़े रहे।

<p align="justify">जिला पत्रकार संघ, गिरिडीह (झारखंड) की तरफ से भड़ास4मीडिया को एक पत्र भेजा गया है। इसमें दैनिक जागरण, गिरिडीह के दिवंगत पत्रकार रतन पांडेय के परिजनों की मदद करने के लिए देश भर के मीडियाकर्मियों से अपील की गई है। पत्र में जो कुछ कहा गया है, उसे यहां पूरा का पूरा प्रकाशित किया जा रहा है- 'झारखंड राज्य अंतर्गत गिरिडीह जिला में विगत 15 वर्षों से पत्रकारिता कर रहे रतन पांडेय की सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी है। 8 सितंबर को रांची रिम्स में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी। उनके पांच छोटे-छोटे बच्चे हैं। दिवंगत रतन पांडेय ने पहले कई दैनिक अखबारों में कार्य किया। बाद में जब दैनिक जागरण अखबार की झारखंड में वर्ष 2003 में स्थापना हुई, तभी से ये दैनिक जागरण अखबार से जुड़ गये और अंत तक जुड़े रहे। </p>

जिला पत्रकार संघ, गिरिडीह (झारखंड) की तरफ से भड़ास4मीडिया को एक पत्र भेजा गया है। इसमें दैनिक जागरण, गिरिडीह के दिवंगत पत्रकार रतन पांडेय के परिजनों की मदद करने के लिए देश भर के मीडियाकर्मियों से अपील की गई है। पत्र में जो कुछ कहा गया है, उसे यहां पूरा का पूरा प्रकाशित किया जा रहा है- ‘झारखंड राज्य अंतर्गत गिरिडीह जिला में विगत 15 वर्षों से पत्रकारिता कर रहे रतन पांडेय की सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी है। 8 सितंबर को रांची रिम्स में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी। उनके पांच छोटे-छोटे बच्चे हैं। दिवंगत रतन पांडेय ने पहले कई दैनिक अखबारों में कार्य किया। बाद में जब दैनिक जागरण अखबार की झारखंड में वर्ष 2003 में स्थापना हुई, तभी से ये दैनिक जागरण अखबार से जुड़ गये और अंत तक जुड़े रहे।

29 अगस्त 2009 को वे दैनिक जागरण कार्यालय, गिरिडीह से कार्य संपादित कर रात के करीब 12 बजे घर के लिए निकले और दुर्घटना के शिकार हो गए। दिवंगत रतन पांडेय तो इस दुनिया को छोड़कर चले गये लेकिन उनकी पत्नी व पांच छोटे-छोटे बच्चे भुखमरी के कगार पर हैं। हालांकि गिरिडीह जिला पत्रकार संघ ने खुद के प्रयास से दिवंगत पत्रकार के परिवार को 23 हजार रुपये की सहयोग राशि प्रदान की। बाद में गिरिडीह के कुछ समाजसेवियों ने भी कुछ राशि का सहयोग किया। पर यह काफी नहीं है। अत: महोदय से अनुरोध है कि भड़ास4मीडिया के माध्यम से देश के जागरूक बुद्विजीवी वर्ग के लोगों से आह्वान कर दिवंगत रतन पांडेय के बेसहारा परिवार के लिए सहारे की लाठी बनने की कृपा करें ताकि छोटे बच्चों का भविष्य बर्बाद होने से बच सके। दिवंगत पत्रकार रतन पांडेय के परिजनों के मोबाइल नंबर 9431921487 और 983577029 हैं। गिरिडीह जिला पत्रकार संघ के पदाधिकारियों से संपर्क 9431366411 और 9491966404 के जरिए किया जा सकता है।’

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