रिलायंस जैसी महाबली कंपनी से कोई मीडिया हाउस सीधे-सीधे पंगा लेने का इरादा कर सकता है? सभी का जवाब होगा- ना जी, भला कौन अपने करोड़ों के विज्ञापन पर लात मारेगा! पर आश्चर्य की बात है कि कुछ ऐसे मीडिया हाउस हैं जो न सिर्फ इन बड़े घरानों की घटिया करतूतों का खुलासा कर इनसे सीधे मुठभेड़ करते हुए मोर्चा ले रहे हैं बल्कि सरकारों पर जनता का दबाव बनवाकर इन घरानों की जनहित विरोधी नीतियों पर अंकुश लगवाने में कामयाब हो रहे हैं। हम बात कर रहे हैं लेमन टीवी की। इस टीवी चैनल पर प्रसारित आरकेबी शो ने एक इतिहास रच डाला है। जनहित के एक मुद्दे पर स्टैंड लेकर आधुनिक टीवी जर्नलिज्म में मिसाल कायम किया है।
इस शो के जरिए मुंबई वालों को बताया गया कि किस तरह रिलायंस इनर्जी इनफ्रास्ट्रक्चर नामक कंपनी उन्हें बिजली देने के नाम पर लूट रही है। शो के जरिए बताया गया कि यही कंपनी दिल्ली में पिछले सात वर्षों में एक धेला किराया नहीं बढ़ाती है लेकिन मुंबई में हर साल किराया बढ़ा देती है। रिलायंस की लूट की इस गणित को समझाने के लिए आरकेबी शो में बहुत बड़ा कंपेन चलाया गया। मुंबई और दिल्ली के करीब 50 एनजीओ, रेजीडेंट एसोसिएशनों को इस शो पर लाया गया।
बिजली कंपनियों की मनमानी, बिजली कंपनियों के किरायों का तुलनात्मक अध्ययन, दिल्ली-मुंबई के बिजली बिल का तुलनात्मक अध्ययन, रिलायंस की महालूट आदि की आंकड़ों के जरिए विस्तृत विवेचना की गई। शो के जरिए बताया गया कि मुंबई में 100 यूनिट की बिजली के लिए टाटा का उपभोक्ता 205 रुपये का भुगतान करता है, बेस्ट का उपभोक्ता 261 रुपये देता है और इतनी ही यूनिट के लिए रिलायंस के उपभोक्ता को 391 रुपये प्रदान करना पड़ता है। रिलायंस एनर्जी का रेट टाटा के मुकबाले 90 प्रतिशत ज्यादा है तो बेस्ट की तुलना में 50 प्रतिशत ज्यादा।
आरकेबी शो के जरिए मुंबई वासियों को बताया गया कि वे 100 यूनिट के लिए रिलायंस एनर्जी को सितंबर 2006 में 205 रुपये देते थे तो इतने ही यूनिट के लिए जून 2008 में 290 रुपये देना पड़ा। अब 100 यूनिट के लिए रिलायंस के उपभोक्ता 391 रुपये देने को मजबूर हैं। मतलब, तीन वर्षों में रिलायंस एनर्जी ने बिजली बिल दर में 90 फीसदी की बढ़ोतरी की है और एक साल में 35 फीसदी की बढ़ोतरी।
लेमन टीवी पर आरकेबी शो का असर यह हुआ कि मुंबई के लोग रिलायंस के शोषण के खिलाफ जग गए और सड़कों पर उतर आए। चारों तरफ से रिलायंस की चोरी के खिलाफ आवाजें उठने लगी। करीब 15 दिन पहले रिलायंस ने बिजली दर में जो वृद्धि की थी, उसे वापस लेने की मांग की जाने लगी। लेमन टीवी के चलते जागरूक हुई जनता की आवाज जब बिजली मंत्री तक पहुंची तो उन्हें भी सक्रिय होना पड़ा और एक आदेश जारी कर रिलायंस एनर्जी द्वारा 15 दिन पहले बढ़ाए गए दर पर रोक लगा दी, बिलों के भुगतान पर रोक लगा दी और जांच करने के आदेश दिए। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही अब रिलायंस एनर्जी कोई कदम उठा सकेगा।
बिजली मंत्री के इस तात्कालिक कदम से लोगों को गुस्सा भले ही शांत हो गया हो लेकिन रिलायंस जैसी कंपनियों की लूट के प्रति जो जागरूकता पैदा हुई है, उसका असर लंबे समय तक कायम रहेगा। इस महाअभियान को चलाने और जनता को जागरूक करने का श्रेय पूरी तरह लेमन टीवी और आरकेबी शो को जाता है। बड़े-बडे़ मीडिया हाउस विज्ञापन के करोड़ों रुपये की खातिर भारी-भरकम कारपोरेट कंपनियों के धतकरम से आंख मोड़े रहते हैं लेकिन लेमन टीवी जैसे मीडिया माध्यम इस तरह के कार्यक्रमों के जरिए यह संदेश देते हैं कि सभी मीडिया हाउसों को नहीं खरीदा जा सकता। कुछ ऐसे हैं जो सच दिखाने का न सिर्फ साहस रखते हैं बल्कि उसके पक्ष में सड़क पर भी आकर खड़े हो सकते हैं। मुंबई, रिलासंय, बिजली वाला मामला कुछ ऐसा ही है।
रिलायंस की लूट के खिलाफ लेमन टीवी पर प्रसारित कुछ आरकेबी शो यहां देख सकते हैं-
अंबानी की करतूत-1
अंबानी की करतूत-2
अंबानी की करतूत-3