Connect with us

Hi, what are you looking for?

टीवी

रिलायंस का एकाधिकार खत्म

rkbटाटा पॉवर भी मैदान में : अगला अभियान दिल्ली के उपभोक्ताओं के लिए : मुंबई के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। लेमन टीवी की कामयाबियों में एक और अध्याय उस समय जुड़ गया, जब विगत दिवस एमईआरसी (महाराष्ट्रा इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमीशन) ने रिलायंस इनर्जी इनफ्रास्ट्रक्चर का एकाधिकार तोड़ते हुए टाटा पॉवर की सेवाएं भी उपभोक्ताओं को मुहैया कराने का ऐलान कर दिया। एमईआरसी ने अपने आदेश में टाटा पॉवर को हिदायत दी है कि मुंबई के जो भी उपभोक्ता आपकी विद्युत सेवा लेना चाहें, उन्हें तत्काल उपलब्ध कराएं। मुंबई के उपभोक्ता रिलायंस इनर्जी की मोनोपॉली टूटने का श्रेय लेमन टीवी को दे रहे हैं। सन 2003 में सुप्रीम कोर्ट ने ओपन एक्सस एक्ट के तहत निर्देश दिया था कि बिजली उत्पादन निजी क्षेत्र को सौंपते समय इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमीशन इस बात का ध्यान रखे कि इस पर किसी का भी एकाधिकार नहीं होना चाहिए। एकाधिकार का सबसे ज्यादा नुकसान उपभोक्ता वर्ग को उठाना पड़ेगा। एकाधिकार न होने के कारण ही मोबाइल फोन सेवाओं के क्षेत्र में जो हच कंपनी कभी प्रति कॉल 16 रुपये उपभोक्ताओं से वसूलती थी, आज वह दर एक रुपये प्रति कॉल तक पहुंच चुकी है। मोबाइल फोन कंपनियों की आपसी प्रतिस्पर्द्धा के कारण ही उपभोक्ताओं को इतना आश्चर्यजनक फायदा हो रहा है। मुंबई में ‘लेमन टीवी’ के ‘आरकेबी शो’ के जरिये विद्युत क्षेत्र में रिलायंस के एकाधिकार के खिलाफ महीनों से महाभियान चल रहा था। रिलायंस ने तीन साल में बिजली दरों में जो 90 फीसदी वृद्धि की थी, उस पर पिछले दिनो एमईआरसी ने रोक लगा दी थी।

rkb

rkbटाटा पॉवर भी मैदान में : अगला अभियान दिल्ली के उपभोक्ताओं के लिए : मुंबई के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। लेमन टीवी की कामयाबियों में एक और अध्याय उस समय जुड़ गया, जब विगत दिवस एमईआरसी (महाराष्ट्रा इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमीशन) ने रिलायंस इनर्जी इनफ्रास्ट्रक्चर का एकाधिकार तोड़ते हुए टाटा पॉवर की सेवाएं भी उपभोक्ताओं को मुहैया कराने का ऐलान कर दिया। एमईआरसी ने अपने आदेश में टाटा पॉवर को हिदायत दी है कि मुंबई के जो भी उपभोक्ता आपकी विद्युत सेवा लेना चाहें, उन्हें तत्काल उपलब्ध कराएं। मुंबई के उपभोक्ता रिलायंस इनर्जी की मोनोपॉली टूटने का श्रेय लेमन टीवी को दे रहे हैं। सन 2003 में सुप्रीम कोर्ट ने ओपन एक्सस एक्ट के तहत निर्देश दिया था कि बिजली उत्पादन निजी क्षेत्र को सौंपते समय इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमीशन इस बात का ध्यान रखे कि इस पर किसी का भी एकाधिकार नहीं होना चाहिए। एकाधिकार का सबसे ज्यादा नुकसान उपभोक्ता वर्ग को उठाना पड़ेगा। एकाधिकार न होने के कारण ही मोबाइल फोन सेवाओं के क्षेत्र में जो हच कंपनी कभी प्रति कॉल 16 रुपये उपभोक्ताओं से वसूलती थी, आज वह दर एक रुपये प्रति कॉल तक पहुंच चुकी है। मोबाइल फोन कंपनियों की आपसी प्रतिस्पर्द्धा के कारण ही उपभोक्ताओं को इतना आश्चर्यजनक फायदा हो रहा है। मुंबई में ‘लेमन टीवी’ के ‘आरकेबी शो’ के जरिये विद्युत क्षेत्र में रिलायंस के एकाधिकार के खिलाफ महीनों से महाभियान चल रहा था। रिलायंस ने तीन साल में बिजली दरों में जो 90 फीसदी वृद्धि की थी, उस पर पिछले दिनो एमईआरसी ने रोक लगा दी थी।

साथ ही, पिछले दिनों बिजली दर में ताजे 15 फीसदी वृद्धि को भी रोक दिया था। धारा 108 के तहत हस्तक्षेप के बाद पहली बार ऐसा संभव हुआ था। इस सफलता के पीछे लेमन टीवी और उसके आरकेबी शो के प्लेटफॉर्म से जुड़े सैकड़ों एनजीओ, लाखों मुंबईवासियों की पुरजोर शिरकत रही थी। उस महाभियान के दौरान लोग संघर्ष के लिए सड़क पर उतर पड़े। लाठियां चलीं, एक महिला की आंख भी फूटी, पर संघर्ष रुका नहीं। आखिरकार मीडिया और जनता की मिलीजुली ताकत ने सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया। रिलायंस की लूट को बंद करने की कार्रवाई करने पर मजबूर कर दिया। अगली प्रतिक्रिया यह रही कि मुंबई के एक लाख विद्युत उपभोक्ताओं को बाकायदे फार्म भर कर कम दर वाली गैर-रिलायंस कंपनी / उपक्रम की बिजली लेने का रास्ता मिल गया।

ताजा कामयाबी पर भड़ास4मीडिया को आरकेबी उर्फ राजीव कुंवर बजाज ने बताया कि पहले मुंबईवासी रिलायंस इनर्जी से ही बिजली लेने को मजबूर थे। अब एमईआरसी के नए आदेश के बाद उपभोक्ताओं की यह विवशता खत्म हो चुकी है। वे टाटा पॉवर से भी बिजली लेने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस एकाधिकार टूटने का फायदा रिलायंस इनर्जी को भी मिलेगा। सरकार को चाहिए कि वह रिलायंस इनर्जी के रुके चार-पांच प्रोजेक्ट को मान्यता दे दे। रिलायंस ने 1200 मेगावाट विद्युत उत्पादन के लिए सरकार के यहां आवेदन कर रखा है। अभी वह एक मात्र धानू पॉवर प्लांट से सिर्फ पांच सौ मेगावाट बिजली दे रहा है। ज्यादा उत्पादन से ग्रामीण उपभोक्ताओं को भी राहत मिलेगी। मुंबई को अभी तक सिर्फ 2200 मेगावाट बिजली मिल पा रही है, जबकि उसे 2900 मेगावाट बिजली चाहिए। गांवों में 16-16 घंटे कटौती हो रही है। कमोबेश यही हाल दिल्ली प्रदेश का भी है। उन्होंने बताया कि लेमन टीवी का अगला अभियान दिल्ली क्षेत्र के उन उपभोक्ताओं के लिए शुरू होने जा रहा है, जो सप्लाई के क्षेत्र में एकाधिकार की मार से त्रस्त हैं। उन्हें मनमाना दर पर सप्लाई देने के साथ ही मनमाना कटौती भी की जाती है। हमारी मांग होगी कि मनमाना कटौती का उपभोक्ताओं को मुआवजा मिलना चाहिए। सिर्फ दिल्ली महानगर वासियों को ही नहीं, ग्रामीण उपभोक्ता वर्ग को भी। गांवों का हक छीन कर महानगर वासियों को सप्लाई दी जा रही है। एकाधिकार खत्म होगा तो इस क्षेत्र में अन्य कंपनियों के उतरने से प्रतिस्पर्द्धा का दिल्ली के उपभोक्ताओं को भी भारी लाभ मिलेगा और गांवों को भी पर्याप्त बिजली देना संभव हो सकेगा। मुंबई में हमारी लड़ाई इस मोकाम पर पहुंच चुकी है कि यहां के उपभोक्ताओं को एमईआरसी पिछले तीन सालों में हुई वृद्धि की राशि लौटाए।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You May Also Like

Uncategorized

भड़ास4मीडिया डॉट कॉम तक अगर मीडिया जगत की कोई हलचल, सूचना, जानकारी पहुंचाना चाहते हैं तो आपका स्वागत है. इस पोर्टल के लिए भेजी...

टीवी

विनोद कापड़ी-साक्षी जोशी की निजी तस्वीरें व निजी मेल इनकी मेल आईडी हैक करके पब्लिक डोमेन में डालने व प्रकाशित करने के प्रकरण में...

Uncategorized

भड़ास4मीडिया का मकसद किसी भी मीडियाकर्मी या मीडिया संस्थान को नुकसान पहुंचाना कतई नहीं है। हम मीडिया के अंदर की गतिविधियों और हलचल-हालचाल को...

हलचल

: घोटाले में भागीदार रहे परवेज अहमद, जयंतो भट्टाचार्या और रितु वर्मा भी प्रेस क्लब से सस्पेंड : प्रेस क्लब आफ इंडिया के महासचिव...

Advertisement