‘हिंदी हिंदुस्तान को जोड़ती है और संस्कृत पूरी दुनिया को। इसलिए भारत का भविष्य संस्कृत में है। अब संस्कृत के ज्ञान का ख़ज़ाना सबके लिए सुलभ होना चाहिए।’ ये विचार जाने माने पत्रकार डॉ. वेद प्रताप वैदिक ने मालवा रंगमंच समिति के हिन्दी दिवस समारोह में कालिदास अकादमी, उज्जैन (म.प्र.) में व्यक्त किए। इस समारोह में हिंदी पत्रकारिता के शिखर पुरुष डॉ. वेद प्रताप वैदिक को ‘हिंदी सेवा सम्मान’ से सम्मानित किया गया।
डॉ. हरि मोहन बुधौलिया और आचार्य शैलेन्द्र पाराशर जैसे प्रतिष्ठित साहित्यकारों की उपस्थिति में उन्हें यह सम्मान मुम्बई से पधारे मशहूर शायर निदा फ़ाज़ली ने प्रदान किया। महर्षि पाणिनी संस्कृत वि.वि., उज्जैन के कुलपति श्री मोहन गुप्त की अध्यक्षता में आयोजित इस समारोह में सुप्रसिद्ध फ़िल्म लेखिका एवं कथाकार डॉ. अचला नागर ने ‘‘साहित्य, समाज, सिनेमा और हिंदी’’ विषय पर व्याख्यान देकर आयोजन की गरिमा बढ़ाई। शायर निदा फा़ज़ली और कवि-संचालक देवमणि पाण्डेय द्वारा अपनी चुनिंदा कविताओं का पाठ समारोह का ख़ास आकर्षण था। शायर निदा फा़ज़ली ने ग़ज़लें और नज़्में सुनाकर अदभुत समाँ बाँधा। श्रोताओं की माँग पर उन्होंने कुछ दोहे भी सुनाए-
बच्चा बोला देखकर मस्जिद आलीशान
अल्ला तेरे एक को इतना बड़ा मकान !
महाकाल की धार्मिक नगरी उज्जैन में निदा साहब के इस दोहे पर काफी तालियाँ बजीं-
अंदर मूरत पर चढ़े घी, पूड़ी, मिष्ठान्न
मंदिर के बाहर खड़ा ईश्वर माँगे दान
मुम्बई से पधारे चर्चित कवि देवमणि पाण्डेय ने अपनी एक ग़ज़ल में उज्जैन के दिवंगत कवि ओम व्यास ओम को याद किया तो श्रोताओं की आँखें नम हो गईं –
कैसे कहें कितना रोते हैं
अपनों को जब हम खोते हैं
दुख में रातें कितनी तनहा
दिन कितने मुश्किल होते हैं
शुरुआत में मालवा के सुप्रसिद्ध लोक गायक प्रहलाद टिपानिया ने कबीर के कुछ पदों की संगीतमय प्रस्तुति से श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। प्रतिष्ठित साहित्यकार एवं उज्जैन संभाग के पुलिस महानिरीक्षक श्री पवन जैन इस अवसर पर बतौर अथिति उपस्थित थे। संस्थाध्यक्ष केशव राय ने आयोजन के औचित्य पर प्रकाश डाला। पद्मजा रघुवंशी ने अतिथियों का स्वागत किया। प्रतिभा रघुवंशी ने सरस्वती वंदना और गीतकार सूरज उज्जैनी ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। महेश शर्मा अनुराग ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संयोजन राजेश राय ने किया।
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