मोहब्बत, प्रेम, प्यार, लव….जाने कितने नाम हैं इसके और यह जिन्हें एक बार हो जाए, उन्हें किसी चीज की परवाह नहीं होती। दुनिया-जहान, करियर-घर की चिंता नहीं रहती। सोते-जागते-काम करते बस एक ही फिक्र होती है, एक ही खयाल आता है- ‘ओ मेरी महबूबा’, ‘मेरे महबूब सनम’! लेकिन आज के भाग-दौड़ वाली जिंदगी में आफिस की ड्यूटी करते हुए साथ काम करने वाले / वाली से अगर ये ‘कमबख्त मोहब्बत’ और ‘इश्क कमीना’ हो जाए तो फिर इस प्यार के कई साइड इफेक्ट भी पैदा हो जाते हैं। इसी साइड इफेक्ट का शिकार एक प्रेमी युगल हो गया है। सूत्रों का कहना है कि इन दोनों को नौकरी से निकाला जा चुका है।
इनके निकाले जाने की कोई आधिकारिक घोषणा तो नहीं की गई है लेकिन चैनल पर जो प्रोमो चलता है, उसमें ये दोनों नहीं हैं। प्रोमो से इन दोनो की तस्वीर और आवाज को गायब कर दिया गया है। इससे जाहिर होता है कि इन दोनों को फायर किया जा चुका है। दरअसल, प्रेमी युगल की प्रेम कहानी में एक खतरनाक पेंच आ गया था। इससे इन दिलवालों को प्रबंधन की बेदिली का शिकार होना पड़ा। गलत-सच के हिसाब से देखें तो प्रबंधन से ज्यादा प्रेमी युगल मीडियाकर्मी दोषी हैं क्योंकि ये अपने प्रेम में इतने डूब गए कि इन्हें न तो अपने काम की चिंता रही और न ही खुद से जुड़ी हुई जिंदगियों की। ये जो प्रेमी महोदय हैं, रिपोर्टर पद पर कार्यरत, पहले से शादीशुदा हैं। ये आफिस आने पर साथ काम करने वाली संग प्रेम प्रतिज्ञाएं किया करते थे। इसकी भनक उनके दिलजले साथियों को भी लगी। बात घरवाली तक पहुंची तो उसके होश उड़ गए। बताया जाता है कि कई दिन तक मान-मनौव्वल के बाद घरवाली को जब लगा कि महाशय मानने वाले नहीं हैं तो उसने प्रेम में त्रिकोण बनने की जगह खुद को दोनों की प्रेम की बलि वेदी पर कुर्बान कर देने का खतरनाक फैसला लिया। पत्नी ने ढेर सारी नींद की गोलियां खा ली। बाहरवाली के चक्कर में घरवाली ने मौत की तरफ कदम बढ़ा दिया।
यह सूचना जब प्रेमी-प्रेमिका के खबर टेलीकास्ट-ब्राडकास्ट करने वाले न्यूज चैनल के आफिस पहुंची तो सब परेशान हो उठे। न्यूज चैनल के सीईओ और पोलिटिकल एडिटर तुरंत पीड़िता के घर पहुंचे। उसे अस्पताल में भर्ती कराया। कई घंटों के इलाज के बाद डाक्टरों ने बचा लिया। प्रबंधन का पारा गरम हो चुका था। न्यूज चैनल के दामन पर छींटे आने की आशंका को देख किसी फैसले पर पहुंचने की तैयारी की जाने लगी। प्रेम प्रसंग के इस हद तक पहुंचने और काम के दौरान अन्य कामों में लिप्त रहकर कंपनी के लिए कार्य समय को यूं ही गंवाने के आरोप प्रेमी युगल पर लगे। घरवाली को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला तो था ही। तुरत-फुरत हुई आंतरिक सुनवाई के बाद फैसला कर दिया गया। प्रेमी युगल को हटा दिया गया है। कहा जा रहा है कि प्रबंधन काम के दौरान अन्य हरकतों पर ज्यादा ध्यान देने वालों को अब बिलकुल बख्शने के मूड में नहीं है।
कार्यस्थल पर प्रेम को लेकर दुनिया भर में कई तरह के शोध हुए हैं। सबने यह माना है कि कार्यस्थल पर प्रेम तलवार की धार की तरह है जिसमें थोड़ा भी संतुलन बिगड़ा तो मामला उलटा पड़ सकता है। इस बारीक रेखा, इस तलवार की धार को जो लोग समझ लेते हैं, वे सुखपूर्वक नौकरी और प्रेम की पारी खेलते रहते हैं। जो नासमझ इसे टैकल नहीं कर पाते, वे न सिर्फ नौकरी से हाथ धो बैठते हैं बल्कि सामाजिक रूप से बदनामी के पात्र भी बन जाते हैं। हालांकि सामाजिक बदनामी से बचाने के लिए ही भड़ास4मीडिया ने उन दोनों प्रेमी युगल रिपोर्टरों के नाम यहां नहीं प्रकाशित करने का फैसला किया है लेकिन मीडिया की छोटी सी दुनिया में बात कहीं किसी कोने से निकलती है तो खुद ब खुद दूर तलक चली जाती है, नमक-मिर्च-मसाला युक्त स्पाइसी फ्लेवर के साथ। लोग पता कर ही लेते हैं कि वो कौन थी और वो कौन था।
चलिए, आप भी गेस करिए, वो कौन थी और वो कौन था। आपके इस काम में मदद करने के लिए हम छोटा सा क्लू भी यहां छोड़ देते हैं। क्लू ये है कि यह प्रेमी युगल उस न्यूज चैनल में काम करता था जो एक वर्ष पहले लांच हुआ और कंटेंट व कलेवर में ठीकठाक बदलाव कर सीरियस न्यूज चैनल बनने की ओर कदम बढ़ा रहा है। लेकिन आपसे गुजारिश भी है, दूसरों के बारे में ज्यादा सोचने से पहले थोड़ा अपने बारे में भी सोचें। कहीं आपकी या आपके पड़ोसी की जिंदगी में भी तो ऐसा कुछ नहीं चल रहा है। अगर चल रहा है तो जान लीजिए, आफिस में प्यार के तगड़े साइड इफेक्ट होते हैं पार्टनर!