कोलकाता में रेलवे मंत्री ममता बनर्जी ने जो किया उससे पश्चिम बंगाल समेत देश भर के पत्रकार दुखी हैं। खासकर महिला पत्रकार स्तब्ध हैं। कोलकाता के एक स्थानीय बांग्ला न्यूज चैनल ’24 घंटे’ की एक महिला रिपोर्टर पर ममता बनर्जी ने जान से मारने के लिए पीछा करने का आरोप लगाया। इसको लेकर मीडिया में खबरें भी आ रही हैं। ममता का कहना है कि उनका पीछा प्रेस लिखी एक कार कर रही थी। ममता की शिकायत के बाद पुलिस ने प्रेस लिखी कार को घेर लिया और महिला रिपोर्टर, कैमरामैन व ड्राइवर को कई घंटे हिरासत में रखकर पूछताछ की। यह सब बीती रात 12 बजे के करीब हुआ। हालांकि रात में कई घंटे तक हुई पूछताछ के बाद पुलिस ने महिला रिपोर्टर समेत सभी को छोड़ दिया है पर कोलकाता के पत्रकार ममता और पुलिस के रवैए से बेहद नाराज हैं। पत्रकारों का आरोप है कि ममता ने अपनी राजनीति चमकाने के लिए ऐसा किया है। यह गलत तरीका है।
मीडिया को मोहरा नहीं बनाया जाना चाहिए। हो सकता है कि ’24 घंटे’ न्यूज चैनल का झुकाव बंगाल की सत्ताधारी माकपा सरकार की तरफ ज्यादा हो लेकिन इसका यह मतलब तो नहीं कि इसके रिपोर्टर पर हत्या की साजिश का आरोप लगा दिया जाए। खासकर तब जबकि रिपोर्टर महिला हो और रात के बारह बज रहे हों। रात भर महिला रिपोर्टर को हिरासत में रखकर पूछताछ करना शर्मनाक है। इस घटना के बाद महिला पत्रकार की आहत मनोदशा को समझा जा सकता है। वह महिला पत्रकार समदे में है। कोलकाता की कई महिला पत्रकारों ने भड़ास4मीडिया को फोन कर ममता बनर्जी के रवैए की निंदा की और महिला पत्रकार के साथ किए गए दुर्व्यवहार को शर्मनाक बताया। ताजा डेवलपमेंट के अनुसार तृणमूल कांग्रेस के लोगों ने महिला पत्रकार समेत कई के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दिया है। उत्तरी 24 परगना के एसपी राहुल श्रीवास्तव ने कहा है कि जिस कार के बारे में शिकायत की गई कि वह ममता की पीछा कर रही है, वह ‘चौबीस घंटा’ न्यूज चैनल से संबंधित है। इस कार में सवार महिला रिपोर्टर ममता बनर्जी का इंटरव्यू करना चाहती थी। इसीलिए साल्ट लेक के बीएच ब्लाक में पेंटर सुवो प्रसन्ना के घर बैठक के बाद ममता बनर्जी जब लौटने लगीं तो महिला पत्रकार व कैमरामैन की कार पीछे-पीछे लग गई।