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मैं रविशंकर को कभी माफ नहीं कर सकती : मंगल

mangalमैं बहुत हर्ट हो गई हूं। इतनी अनप्रोफेशनल आरगेनाइजेशन लाइफ में नहीं देखी। रविशंकर को तमीज नहीं बात करने की। मैंने जिंदगी में किसी से तू तड़ाक से बात नहीं की, लेकिन आज इस तरह की बात कहने के लिए मजबूर हूं मैं। स्टेट फारवर्ड लड़की हूं। स्कूल आफ थाट को फालो करती हूं। पांच साल से स्टार न्यूज में काम कर रही थी। रामकृपाल जी और आलोक जी का नाम सुनकर वीओआई में काम करने आ गई थी। मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि यहां इस तरह होगा मेरे साथ।

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mangalमैं बहुत हर्ट हो गई हूं। इतनी अनप्रोफेशनल आरगेनाइजेशन लाइफ में नहीं देखी। रविशंकर को तमीज नहीं बात करने की। मैंने जिंदगी में किसी से तू तड़ाक से बात नहीं की, लेकिन आज इस तरह की बात कहने के लिए मजबूर हूं मैं। स्टेट फारवर्ड लड़की हूं। स्कूल आफ थाट को फालो करती हूं। पांच साल से स्टार न्यूज में काम कर रही थी। रामकृपाल जी और आलोक जी का नाम सुनकर वीओआई में काम करने आ गई थी। मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि यहां इस तरह होगा मेरे साथ।

ये बातें एक सांस में लगातार कहे जा रहीं थीं वरिष्ठ पत्रकार मंगल कारखनीस। मंगल त्रिवेणी ग्रुप के चैनल वायस आफ इंडिया  की मुंबई की टीम लीडर थीं और महाराष्ट्र व गोवा की जिम्मेदारी भी निभा रहीं थीं। उन्होंने बेहद दुखी मन से इस चैनल से पिछले दिनों इस्तीफा दे दिया। 

रविशंकर ने फोन पर मेरे से बात करते हुए रामकृपाल जी को गधा कहा तो मैंने उनसे कहा कि उनके मुंह पर क्यों नहीं कहते। जब रामकृपाल जी थे तो उनके आगे पीछे-घूमा करते थे, अब वो नहीं हैं तो पीठ पीछे ऐसी बातें बोल रहे हैं। कोई डिकोरम होता है। आई वाज शाक्ड। इस बंदे (रविशंकर) के प्रति दिल से रिसपेक्ट नहीं आ रही…..। 

भड़ास4मीडिया से फोन पर इस्तीफे की वजह बताते-सुनाते मंगल कई बार खुद की भावनाओं पर काबू न रख सकीं और फफक-फफक कर रो पड़ीं।  उनके पास कहने के लिए इतना कुछ था कि वे लगातार कहे जा रहीं थीं, रोये जा रहीं थीं, खुद को संभालने की कोशिश किए जा रहीं थीं…

”….मैं 15 साल से इस फील्ड में हूं। लोकसत्ता से करियर शुरू किया। ईटीवी में रहीं हूं। पर पहली बार इतनी दुखी हुई हूं। वीओआई में कितना कुछ झेला है मैंने। वीओआई ज्वाइन करने का गलत डिसीजन ले लिया। उदय शंकर और मिलिंद खांडेकर को सेल्यूट करती हूं। उनके साथ काम करते वक्त केवल पत्रकारिता की। लगा ही नहीं कि पत्रकारिता में कोई खराब पक्ष भी होता है। पर यहां आकर मैं खुद को भूल गई हूं। ये मंगल जो एग्रेसिव होकर काम करती थी, वो कहीं खो गई है। कम से कम तीन महीने तक कहीं काम करने की मनःस्थिति में नहीं हूं। किसी से मिल भी नहीं रही हूं। क्या जवाब दूं किसी को। क्या कहूं कि मैंने वो संस्थान ज्वाइन कर लिया जिसमें कुछ करियर नहीं था। आहत हूं।”

”सोलह सोलह घंटे काम किया है मैंने वीओआई के लिए। बच्चे की तरह पाला और बढ़ाया ब्यूरो को। लोग नहीं आ रहे थे, किस तरह लोगों को समझाकर बुलाया और रखा। नौ बड़ी खबरें ब्रेक की। पर मिला क्या? बदतमीजी। जुलाई और अगस्त की सेलरी अभी नहीं दी और न ही इस बारे में कोई जानकारी दी है। पंद्रह बीस दिनों से कोई फोन नहीं उठा रहा है।”

”वीओआई के मुंबई आफिस को चलाने व जमाने के लिए कंपनी की तरफ से पैसे मेरे सेलरी एकाउंट में जमा कराए गए। कंपनी के लिए अलग से एकाउंट तक नहीं खोला। जाने क्या दिक्कत थी। मैं बार बार अपने एकाउंट में कंपनी के खर्च वाले पैसे डालने से मना करती रही। ये लोग स्टिंगरों से अब कह रहे हैं कि एक लाख रुपये का बिजनेस लाओ और दस हजार रुपये कमाओ। एक स्टिंगर ने मुझसे फोन कर कहा कि यही सब करना था तो पत्रकारिता में क्यों आते। ऐसा करना होता तो दलाल बन जाते, सेल्स का काम कर लेते, रिपोर्टर क्यों बने? ”

”मैं ट्रांसपैरेंट हूं। साफ-साफ बोलती हूं। मुझे काम करना आता है और मैंने काम करके हमेशा दिखाया है पर यहां मैं इस तरह अन्य चीजों में उलझी कि काम ही भूल गई हूं। वीओआई में जो कुछ झेला उसे जिंदगी में कभी नहीं भूल सकती। रविशंकर को मैं कभी माफ नहीं कर सकती। उन्हें पता ही नहीं किससे कैसे बात की जाती है…..। इंडस्ट्री में ऐसे आरगेनाइजेशन हैं जो काम करने वाले बंदे को चाहते हैं।  ऐसे आरगेनाइजेशन के साथ भविष्य में काम करने का मौका मिला तो उनको मैं जरूर क्लिक हो जाऊंगी और वो कहेंगे कि मेरे साथ जुड़ जाओ। और मैं काम करूंगी। जो सच्चा रिपोर्टर है वो केवल काम चाहता है। वो न्यूट्रल होकर ईमानदारी से काम करना चाहता है।”

मंगल इतना कुछ कहते हुए बार-बार रोती रहीं और कहती रहीं कि मुझे नार्मल होने में वक्त लगेगा यशवंत जी, माफ करिएगा, मैं अपने को रोक नहीं पा रही हूं। बहुत सहा है मैंने…।

मंगल ने और भी कई सनसनीखेज बातें भड़ास4मीडिया को बताईं पर बाद में उन बातों को पब्लिश न करने का अनुरोध यह कहते हुए किया कि मीडिया की छोटी-सी दुनिया में मुझे आगे भी काम करना है इसलिए वे कोई विवाद नहीं करना चाहतीं।

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मंगल के अनुरोध का सम्मान करते हुए भड़ास4मीडिया आफ द रिकार्ड बातों को प्रकाशित नहीं कर रहा है।

इस बीच, खबर है कि वीओआई के महाराष्ट्र ब्यूरो के हेड के रूप में संजय प्रभाकर ने काम संभाल लिया है। वे इससे पहले टीवी9 में एसोसिएट एडीटर के पद पर कार्यरत थे।


आपको इस खबर पर कुछ कहना है तो अपनी बात आप [email protected] पर मेल कर सकते हैं। अगर आप मंगल कारखनीस से कुछ कहना चाहते हैं तो उन्हें [email protected] पर मेल करें। 

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