तथाकथित पत्रकारों की जबरन बसूली : कुछ ‘सफल’ भ्रष्ट पत्रकारों के पद चिन्हों पर युवा पीढ़ी चल पड़ी : देश के अति पिछड़े क्षेत्रों में शुमार बुंदेलखंड इलाके में शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य की समस्या सुरसा के मुंह के सामान दिनों दिन बढती जा रही है. सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार चरम पर है. सो पत्रकारिता भी कैसे अछूती रह सकती है. कुछ ‘सफल’ भ्रष्ट पत्रकारों के पद चिन्हों पर यहां की युवा पीढ़ी चल पड़ी है. वह किसी भी हद तक जाने को तैयार है. ऐसा ही वाकया मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में सामने आया है.
इक छुटभैया चैनल के रिपोर्टर ने उगाही के लिए सभी मर्यादाओं को ताक पर रख दिया. जिले के धनेरा गांव में प्रधान द्वारा सरकारी धन के दुरुपयोग की जानकारी इन जनाब को हो गई. फिर क्या था, अपने चार साथियों के साथ महिला सरपंच के पास जा पहुंचे. खबर न दिखाने के बदले में 5000/- रु. मागने लगे. काफी दवाब डालने के बाद भी प्रधान ने उनकी नाजायज मांग को पूरा करने से इनकार कर दिया गया.
कोई दाव बचा नहीं देख पत्रकार जी भड़क गये और साथ लाये तमंचा अड़ा दिया. माजरा देख भीड़ इकट्ठी हो गई. पत्रकार साहब मौके की नजाकत को भांप खिसक गये. पर प्रधान ने बात पुलिस तक पंहुचा दी. पुलिस कार्यवाही करने की बात तो कर रही है पर करेगी या नहीं, कुछ कहा नहीं जा सकता है. पत्रकार थू-थू कर रहे है. पर बेमन से. दबी जुबान से कह रहे है कि यदि इस पत्रकार के खिलाफ कार्यवाही हो गई, तो दूसरे लोगों के हौसले बढ़ जायेंगे और फिर उनकी भी बारी आ सकती है.