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इलाहाबाद के आयोजन गुरु

यह 100 फीसदी सच्ची कहानी है, जो इलेक्ट्रानिक मीडिया की हकीकत को बयान करती है। एक राष्ट्रीय न्यूज चैनल के इलाहाबाद में एक स्ट्रिंगर हैं। उपनाम है आयोजन गुरु। वैसे तो इनके कई उपनाम हैं पर सबसे ज्यादा मशहूर इसी उपनाम से हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ये खबरें आयोजित कराने में माहिर हैं। देश-दुनिया  में  कोई  क्रिया होने पर इशारा मिलते ही ये उसकी प्रतिक्रिया  आयोजित करा देते हैं। यह प्रतिक्रिया चैनलों के लिए ब्रेकिंग न्यूज बन जाती है। आयोजन गुरु एक लोकल चैनल भी चलाते हैं। इनके  पास  हमेशा एक  झोला होता  है  जिसमें  इंडियन क्रिकेट  टीम  के  खिलाड़ियों  के  पोस्टर, भारत का  झंडा, गुलाल-अबीर, पटाखे  आदि होते  हैं। अगर  इंडिया  कोई  मैच  जीते तो  चैनल  खबर ब्रेक  करने  में  भले देर लगाए  पर  ये  सज्जन  प्रतिक्रिया  भेजने  में  जरा -सी  देर  नहीं  करते। 

<p align="justify">यह 100 फीसदी सच्ची कहानी है, जो इलेक्ट्रानिक मीडिया की हकीकत को बयान करती है। एक राष्ट्रीय न्यूज चैनल के इलाहाबाद में एक स्ट्रिंगर हैं। उपनाम है आयोजन गुरु। वैसे तो इनके कई उपनाम हैं पर सबसे ज्यादा मशहूर इसी उपनाम से हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ये खबरें आयोजित कराने में माहिर हैं। देश-दुनिया  में  कोई  क्रिया होने पर इशारा मिलते ही ये उसकी प्रतिक्रिया  आयोजित करा देते हैं। यह प्रतिक्रिया चैनलों के लिए ब्रेकिंग न्यूज बन जाती है। आयोजन गुरु एक लोकल चैनल भी चलाते हैं। इनके  पास  हमेशा एक  झोला होता  है  जिसमें  इंडियन क्रिकेट  टीम  के  खिलाड़ियों  के  पोस्टर, भारत का  झंडा, गुलाल-अबीर, पटाखे  आदि होते  हैं। अगर  इंडिया  कोई  मैच  जीते तो  चैनल  खबर ब्रेक  करने  में  भले देर लगाए  पर  ये  सज्जन  प्रतिक्रिया  भेजने  में  जरा -सी  देर  नहीं  करते। </p>

यह 100 फीसदी सच्ची कहानी है, जो इलेक्ट्रानिक मीडिया की हकीकत को बयान करती है। एक राष्ट्रीय न्यूज चैनल के इलाहाबाद में एक स्ट्रिंगर हैं। उपनाम है आयोजन गुरु। वैसे तो इनके कई उपनाम हैं पर सबसे ज्यादा मशहूर इसी उपनाम से हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ये खबरें आयोजित कराने में माहिर हैं। देश-दुनिया  में  कोई  क्रिया होने पर इशारा मिलते ही ये उसकी प्रतिक्रिया  आयोजित करा देते हैं। यह प्रतिक्रिया चैनलों के लिए ब्रेकिंग न्यूज बन जाती है। आयोजन गुरु एक लोकल चैनल भी चलाते हैं। इनके  पास  हमेशा एक  झोला होता  है  जिसमें  इंडियन क्रिकेट  टीम  के  खिलाड़ियों  के  पोस्टर, भारत का  झंडा, गुलाल-अबीर, पटाखे  आदि होते  हैं। अगर  इंडिया  कोई  मैच  जीते तो  चैनल  खबर ब्रेक  करने  में  भले देर लगाए  पर  ये  सज्जन  प्रतिक्रिया  भेजने  में  जरा -सी  देर  नहीं  करते। 

इनके  पिटारे  में  हर  मर्ज  का  इलाज  है।  अगर  अमिताभ  बच्चन  को  इनकम टैक्स की तरफ से  नोटिस भेजा गया तो  इन्होने  मुंबई  से  बड़ी  ख़बर  इलाहाबाद  में  पैदा  कर  दी। अपने  एक  अन्य  स्ट्रिंगर साथी  की  मदद  से  इन्होंने  दो शराबियों  को  पानी  की  एक  ऊंची  टंकी  पर  चढ़ा दिया  और  फुटेज  के  साथ  खबर  ब्रेक कर दी। मतलब  जैसे  ही  ये  खबर  आई  की  अमिताभ  को  इनकम टैक्स नोटिस  मिलने  से  नाराज़  दो इलाहाबादी  पानी की टंकी  पर  चढ़ गए तो उसके  विजुवल्स भी  दो राष्ट्रीय चैनलों पर चलने  लगे।  साथ  ही, दोनों  चैनलों  पर  दोनों  शराबियों  के  अलग-अलग  फोनो होने  लगे। उस  दिन  पूरे  शहर  का  मीडिया  इनके  कदमो  में  था। इलेक्ट्रानिक को  नकारने  वाले  प्रिंट  के  साथी  भी  इनके  सामने  गिड़गिड़ा  रहे  थे,  पूरी  खबर  जानने  के  लिए। इनके  बारे  में  कहा जाता है कि जैसे  सचिन  क्रिकेट की दुनिया के  दार्शनिक  है,  वैसे  ही  ये  खबरों  की दुनिया के  चिंतक हैं। अब  तक  अपनी  हरकतों  के  चलते  भले  ही  कई  बार ये चैनल  से  बाहर   हुए  हों  पर  चैनल  की  भी  मजबूरी  रहती है कि वो  इन्हें  लंबे समय तक नहीं  छोड़  पाता। वाकई,  उसे इतना  टैलेंटेड  स्ट्रिंगर कहां  मिलेगा! 

एक  बार  की  बात   है। चैनल  ने  कहा  कि  कोई  बड़ी  खबर  करवाओ। उपर से इशारा मिलते ही आयोजन गुरु सक्रिय हो गए। उन्होंने इलाहाबाद  में  खुद  को  कृष्ण  बताने  वाली  एक  महिला  को  दूल्हा बनाया  और गाजे-बाजे के साथ उसकी   बारात  लेकर यूपी पुलिस में आईजी रहे  उन  पंडा  महाशय   के  घर  पहुंच  गए  जिन्होंने  खुद  को  दूसरी  राधा  घोषित  कर  रखा  है। वो  राधा  के  लिबास  में  ही  रहते  हैं। सारे  शहर  में  आयोजन गुरु की इस हरकत पर थू-थू  हुई  पर  इन्होंने  न  सिर्फ  दो हजार रुपये स्टोरी  के बना लिए बल्कि बारात ले जाने के  लिए  चैनल  से  आए  बजट  में  भी  कमाया।  चैनल  ने  पूरे  कार्यक्रम  के  लाइव  कवरेज  के  लिए  ओबी भी  भेजी।  ऐसे  ही,  एक  बार  जब  खबरों  का  अकाल  पड़ा  तो  इन्होंने  एक  महिला  जिसने  आत्माहत्या  कर  कर ली थी, के  घर  पर प्रियंका  चोपड़ा  का  पोस्टर  चिपका  कर  मोहल्ले  में  किसी एक से बाइट भी आयोजित करा दी। बाइट में एक मोहल्लेवाले से कहलवा दिया कि महिला  की  आत्माहत्या  की  वजह  ये  थी  कि  उसका  पति  प्रियंका  चोपड़ा  का  दीवाना  हो गया था। गरीबी  और  बदहाली  से  तंग  होकर आत्महत्या  करने  वाली महिला  की  आत्मा  भले  ही  बाद  में  इन्हें  कोसे  पर  क्या  फर्क  पड़ता  है,  चैनल से तो शाबासी मिल ही गई। 

एक  बार  की  बात  है।  एक  गांव  में  2-3 महिलाओं  को  सांप ने  काटा।  यह खबर पता चलते ही आयोजन गुरु का दिमाग चलने लगा। इन्हें एक  आइडिया  आया।  इन्होंने  आनन-फानन  में  एक पोस्टर छपवाया जिसमें कबर्बिज्जू  नाम  के  प्राणी  की बड़ी सी तस्वीर लगवा दी। पोस्टर पर  लिखा  था  कि  ये  बहुत  खतरनाक  जानवर  है  जो  सिर्फ़  महिलाओं  को  ही  काटता  है। इस जानवर को जिंदा  या  मुर्दा  पकड़ने  वाले  को  5000 रुपये  का  इनाम   दिया  जाएगा। इस पोस्टर को उस गांव  में  ले जाकर चिपकवा  दिया। नतीजा  ये  हुआ  कि  गांव  के  भोले-भाले  लोग  खबर  बन गए। इन ग्रामीणों ने बेहद  सीधे  और  शर्मीले  माने  जाने  वाले  संरक्षित  प्रजाति  के कबर्बिज्जू को  खोज-खोज  कर  मारने का काम शुरू कर दिया। बाद  में  ये  बात  पुलिस  के  कानों  तक  भी  पहुंची  मगर  हर  बार  की  तरह  इस  बार  भी  पुलिस  कोई  कार्रवाई न  कर  सकी  क्योंकि  वो  जानती  है  कि  मीडिया  से  दुश्मनी  लेने  का  क्या  मतलब  हो  सकता  है। वैसे, पुलिस भी  तो  ‘खाओ  और  खाने  दो’  के  सिद्धांत पर  चलती  है।  जैसे  कहा गया  है कि ‘हरि  अनंत  हरि  कथा  अनंता’, वैसे   ही  आयोजन गुरु के किस्से  भी  अनंत  हैं। कोई कहता  है  कि  आयोजन गुरु खबरों  में  ही जीता  है। कोई दावा करता है कि आयोजन गुरु से ज्यादा  टैलेंट  किसी भी राष्ट्रीय चैनल के रिपोर्टर में नहीं है। आयोजन गुरु फिर इंतजार कर रहे हैं अपने दिल्ली में बैठे आकाओं के इशारे का। हरी झंडी मिलते ही वे कोई राष्ट्रीय खबर ब्रेक कर देंगे, और आप सभी उसे लाइव देखेंगे, आंखें फाड़-फाड़ के।

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