दैनिक जागरण, जमशेदपुर में कार्यरत महिला पत्रकार सुष्मिता श्रीवास्तव की लिखित शिकायत पर पुलिस ने स्थानीय संपादक आलोक मिश्रा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर लिया है। सुष्मिता ने लिखित शिकायत में स्थानीय संपादक पर मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। थाने में दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक आलोक ने महिला पत्रकार को अपने केबिन में बुलाकर गालियां दीं, हाथापाई की और धक्के देकर आफस से बाहर निकाला। इस बारे में सुष्मिता ने भड़ास4मीडिया को बताया कि वे वर्ष 2003 से दैनिक जागरण में परमानेंट स्टाफ के रूप में काम कर रही हैं। पिछले दिनों उन्हें रिपोर्टिंग से हटाकर डेस्क पर कर दिया गया और डेस्क पर भी कोई खास काम नहीं दिया गया। एक खबर का जब उन्होंने प्रिंट निकाला तो संपादक ने अपने केबिन में बुलाकर इसके लिए अभद्र भाषा में डांटा-फटकारा।
जब इसका विरोध किया तो हाथापाई करते हुए केबिन से बाहर निकाला। फिर धक्के देकर आफिस से बाहर कर दिया। यह सब सबके सामने हुआ लेकिन पूरा स्टाफ मूकदर्शक बना रहा। इतना अपमानित होने के बाद मेरे पास दो ही रास्ते थे। या तो मैं खुदकुशी कर लेती या फिर अपने सम्मान की लड़ाई लड़ती। मैंने हार न मानते हुए दूसरा रास्ता चुना। थाने जाकर शिकायत दर्ज कराई। एसपी के आदेश पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी है। सुष्मिता का कहना है कि उन्हें दो वर्षों से तंग किया जा रहा था और पिछले कुछ दिनों से ज्यादा ही परेशान किया जाने लगा था। सुष्मिता के मुताबिक वे आत्मसम्मान की लड़ाई लड़ रही हैं और इससे किसी हालत में पीछे नहीं हटेंगी।
दैनिक जागरण, जमशेदपुर के स्थानीय संपादक आलोक मिश्रा से भड़ास4मीडिया की तरफ से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि मंदी के चलते खर्चे बचाने की कवायद में कम से कम प्रिंट निकालने की बात कही गई थी। सुष्मिता ने जब कई प्रिंट निकाले तो उन्हें ऐसा करने से रोका गया। इसी के बाद वे उत्तेजित हो गईं। आलोक के मुताबिक सुष्मिता आफिस के दस्तावेजों को सीडी में डालकर ले जा रही थीं। उन्हें ऐसा करने से रोका गया जिससे उन्हें मना आलोक ने अभद्र भाषा के इस्तेमाल और मारपीट करने जैसे आरोपों को बेबुनियाद करार दिया। उन्होंने बताया कि संपूर्ण मामले के बारे लिखित जानकारी थाने को दे दी गई है। आलोक के मुताबिक सुष्मिता रिपोर्टिंग से हटाए जाने से नाराज थीं और इसी के चलते कई तरह के गलत आरोप लगा रही हैं।
भड़ास4मीडिया ने जमशेदपुर के पुलिस कप्तान नवीन कुमार सिंह से संपर्क किया तो उनका कहना था कि केस दर्ज करने के बाद पूरे मामले की जांच को एक डीएसपी के हवाले कर दिया गया है। डीएसपी की जांच रिपोर्ट के आधार पर हम आगे की कार्रवाई करेंगे। उन्होंने बताया कि इस मामले से जुड़े सभी पक्षों के बयान दर्ज किए गए हैं। इस प्रकरण में हम कानून के आधार पर कार्रवाई करेंगे।
इस बीच, पता चला है कि जमशेदपुर के स्थानीय अखबार ‘चमकता आईना’ ने आलोक-सुष्मिता विवाद को मुख्य पृष्ठ पर लगातार प्रकाशित कर रहा है। इससे मीडिया हाउस के अंदर का मामला अब पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गया है।