मुंबई आतंकी हमलों के दौरान अपनी भूमिका को लेकर कई तरह की आलोचनाओं के शिकार हुए न्यूज चैनलों के संचालकों ने ‘इमरजेंसी प्रोटोकाल’ बनाने पर सहमति दे दी है। आतंकी हमले या सेना के किसी विशेष अभियान के दौरान इमरजेंसी प्रोटोकाल के तहत ही न्यूज चैनल संचालित होंगे। प्रोटोकाल के दिशा-निर्देशों के अनुरूप केबल टेलीविजन नेटवर्क एक्ट 1995 में भी कई संशोधन किए जा सकते हैं। इसके तहत संवेदनशील घटनाक्रम के दौरान लाइव कवरेज का थोड़ी देर से प्रसारण करने एवं सैन्य या सशस्त्र बलों के आपरेशन की जानकारी विस्तार से न देने का भी प्रस्ताव है। न्यूज ब्राडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने इमरजेंसी प्रोटोकाल के कायदे-कानून बनाने के लिए सेना व सूचना प्रसारण मंत्रालय के शीर्षस्थ अधिकारियों के नेतृत्व में अथारिटी के गठन के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है।
एनबीए का कहना है कि वे लोग खुद इमरजेंसी प्रोटोकाल के लिए अथारिटी बनाने के बारे में तय करेंगे। एनबीए के महासचिव एनी जोसेफ ने एक बयान में कहा कि एनबीए द्वारा अथारिटी का गठन किया जाएगा। इस अथारिटी को अवकाश प्राप्त मुख्य न्यायाधीश जेएस वर्मा हेड करेंगे। वही 26/11 जैसी आपातकालीन स्थितियों के दौरान न्यूज चैनलों के लिए इमरजेंसी प्रोटोकाल बनाएंगे।
उल्लेखनीय है कि इमरजेंसी प्रोटोकाल के गठन का सुझाव सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री आनंद शर्मा और चैनल संचालकों के बीच हुई बैठक में आया था। सूचना प्रसारण मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि चैनल संचालकों से ऐसा कुछ न दिखाने को कहा गया है जो बच्चों के दिमाग पर बुरा असर डाले।