यूपी के सोनभद्र जिले के राबर्ट्सगंज विकास खण्ड के बहुअरा गांव में नरेगा समेत अन्य विकास योजनाओं में हुयी धांधली की कवरेज करने गये दिल्ली से प्रकाशित एक राष्ट्रीय साप्ताहिक समाचार पत्र के संवाददाता पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया। संवाददाता को मारने-पीटने के बाद दबंगों ने कैमरा तोड़कर फेंक दिया। सबसे खराब भूमिका तो पुलिस की रही जिसमें पीड़ित पत्रकार की प्राथमिकी दर्ज न कर सिर्फ एनसीआर दर्ज किया, वह भी अपने मन मुताबिक। इसे लेकर पत्रकारों में नाराजगी देखी जा रही है। राबर्ट्सगंज विकास खण्ड का बहुअरा ग्राम सबसे बडी ग्राम पंचायत है।
यह अम्बेडकर गांव भी है और नक्सली गतिविधियों को लेकर चर्चा में रहता है। विकास के लिए लाखों रुपए भेजे गए पर गांव में विकास के नाम पर खानापूर्ति की गयी है। आज से एक दशक पूर्व प्रधान की माली हालत क्या थी और आज क्या है, यह देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनके पास पैसे कहां से आ रहे हैं। जनपद में समाज कल्याण विभाग में हुए एक बड़े घोटाले में भी प्रधान पति आरोपी बनाये गये थे। लेकिन सोनभद्र जिला प्रशासन ऐसे व्यापक रूप से हो रहे भ्रष्टाचार पर आंख बन्द किये हुए है। ग्राम पंचायत के दर्जन भर से अधिक लोग शथप पत्र दाखिल करके भी शिकायत कर चुके हैं। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
अब जब वहां के ग्रामीण समाचार पत्रों के माध्यम से अपनी बात कहना चाहते हैं तो इस जिले में उन पर हमलों की शुरुआत हो गयी है। पीड़ित पत्रकार शिवदास ने बताया कि ग्राम पंचायत में दबंग प्रधान पति के खिलाफ कोई अपनी आवाज निकालने को तैयार नहीं। ऐसे में अगर जिला प्रशासन जांच कराये तो कई चेहरे विकास कार्यो में बेनकाब हो सकते हैं। पत्रकार पर बहुअरा में हुए हमले की निन्दा तमाम पत्रकार संगठनों ने शुरू कर दी है और जिला प्रशासन को महज यह घटना एक साधारण घटना दिखायी दे रही है।