आजकल मीडियाकर्मियों से बदसलूकी की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. खासकर किसी वीवीआईपी या स्टार कलाकार के कार्यक्रम की कवरेज करने पहुंचे मीडियाकर्मियों की स्थिति अक्सर सांप-छछूंदर वाली हो जाती है. सूरत का ही मामला लीजिए. अपनी फिल्म ‘कार्तिक कॉलिंग कार्तिक’ के प्रचार अभियान में सूरत पहुंचे अभिनेता फरहान अख्तर और दीपिका पादुकोण की सभा में जमकर हंगामा हुआ। फरहान और दीपिका को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ इकट्ठा हुई। इसी दौरान दोनों को देखने के लिए भीड़ बेकाबू हो गई और धक्का-मुक्की करने लगी।
मीडियाकर्मियों से भी यहां बदसलूकी की गई। मीडियाकर्मियों के साथ सुरक्षाकर्मियों ने धक्का-मुक्की की। इसके बाद मीडिया ने इस प्रचार का बहिष्कार किया है। मिली जानकारी के मुताबिक दोनों कलाकारों के आने की खबर कई दिनों से प्रचारित की जा रही थी। जब ये दोनों कलाकार पहुंचे तो बड़ी संख्या में लोग वहां पहुंचने लगे। आरोप है कि इनमें आयोजकों के मित्र-रिश्तेदार भी थे। प्रेस कॉन्फ्रेंस की जगह पर भी इनमें से कई लोग पहुंच गए। इससे यह तय करना मुश्किल हो गया कि कौन पत्रकार है और कौन बाहरी। दोनों कलाकार मीडिया से बातचीत कर रहे थे और उसी दौरान सुरक्षाकर्मियों ने भीड़ हटाने की कोशिश शुरू कर दी। इस कोशिश के क्रम में पत्रकारों के साथ भी धक्का मुक्की हो गई। लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। बाद में हालात बेकाबू होने लगे तो पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने लाठीचार्ज किया। खबरों के मुताबिक पत्रकारों पर भी लाठियां चलाई गईं।
कुछ लोगों का कहना है कि दीपिका पादुकोण और फरहान अख्तर को भी मुसीबतों का सामना करना पड़ा. प्रेस कांफ्रेंस से ठीक पहले मीडिया और प्रशंसकों के बीच झड़प होने से इन कलाकारों को काफी परेशानी हुई. सूरत पुलिस के अनुसार, लोगों को जैसे ही यह पता चला कि फरहान और दीपिका शहर के एक थिएटर में प्रेस कांफ्रेस रहे हैं, तो लोग वहां जमा होने लगे। भीड़ ज्यादा होने की वजह से मीडिया और लोगों के बीच धक्का-मुक्की हुई। देखते-देखते यह ध्ाक्का-मुक्की झड़प में बदल गई। बाद में पुलिस को बुला कर भीड़ को नियंत्रित किया गया। थिएटर से इस प्रेस कांफ्रेंस के लिए अनुमति नहीं ली थी।